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गुरुवार, 29 अक्टूबर 2020
- कराधान आयुक्त हरियाणा के आदेशों पर 11 माह बाद अमल
= ईटीओ डीपी बैनीवाल, ईटीओ अशोक सुखीजा, एईटीओ ओपीएस अहलावत, ईटीओ मालाराम सहित 6 पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज
- फर्जी फर्मों को करोड़ों रुपये का रिफंड दिलवाने का आरोप
सिरसा। आखिरकार फर्जी फर्मों के सहयोगी रहें आबकारी एवं कराधान विभाग के चार अधिकारियों के खिलाफ सिविल लाइन थाना में धोखाधड़ी, गबन के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने कराधान विभाग के ही ईटीओ की शिकायत पर ईटीओ डीपी बैनीवाल, ईटीओ अशोक सुखीजा, एईटीओ ओपीएस अहलावत, ईटीओ मालाराम के अलावा मैसर्ज विनय टे्रडिंग कंपनी व मैसर्ज श्री ट्रेङ्क्षडंग कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज किया है। कराधान आयुक्त हरियाणा ने विभागीय अधिकारियों व फर्मों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करवाने के नवंबर-2019 में ही आदेश दिए थे। मगर, इन आदेशों की अब तक पालना नहीं हुई थी। पहले विभागीय स्तर पर मामला दबाने का प्रयास किया गया और फिर पुलिस के स्तर पर। नवनियुक्त पुलिस अधीक्षक भूपेंद्र सिंह के संज्ञान में मामला आने पर ताबड़तोड़ मामले दर्ज किए गए है। पुलिस की ओर से इस सप्ताह डेढ़ दर्जन से अधिक फर्जी फर्मों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए और अब विभागीय अधिकारियों पर भी मामला दर्ज किया गया है।
दरअसल, फर्जी फर्मों के माध्यम से सरकार को चूना लगाने वालों को कराधान विभाग के ही भ्रष्ट अधिकारियों की शह थी। भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा ही फर्जी फर्मों को पनपने का अवसर दिया गया और उनकी धरपकड़ में भी ढिलाई बरतीं। मामले में फर्जी फर्मों को करोड़ों रुपये का रिफंड लौटाकर सरकारी खजाने को चपत लगाई गई। ऐसी फर्जी फर्मों और उनको शह देने वाले विभागीय अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की लंबे अरसे से मांग की जा रही थी। लेकिन हरसंभव कोशिश की गई कि मामला दबा ही रहें। लेकिन गृहमंत्री अनिल विज के संज्ञान में मामला आने पर उनकी ओर से कार्रवाई करने और प्रगति रिपोर्ट तलब की थी। जिसके बाद कराधान विभाग और पुलिस विभाग में हरकत हुई। परिणाम स्वरूप फर्जी फर्मों के मक्कडज़ाल को तोडऩे में कुछ कामयाबी हासिल हुई है।
सिविल लाइन थाना सिरसा पुलिस ने कराधान विभाग के वार्ड नंबर-5 के ईटीओ की शिकायत पर ईटीओ डीपी बैनीवाल, ईटीओ अशोक सुखीजा, एईटीओ ओपीएस अहलावत, ईटीओ मालाराम के अलावा मैसर्ज विनय टे्रडिंग कंपनी व मैसर्ज श्री ट्रेङ्क्षडंग कंपनी के खिलाफ भादंसं की धारा 406, 419, 420, 465, 468, 471 व सीजीएसटी एक्ट की धारा 132 के तहत मामला दर्ज किया है। शिकायत में बताया गया है कि फर्जी फर्मों की वजह से सरकार को 29 करोड़ से अधिक की चपत लगी है। पुलिस ने मामले की जांच का जिम्मा सहायक उपनिरीक्षक प्रदीप कुमार को सौंपा है।
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- विभाग में सफाई बाकी!
सिरसा। टैक्स चोरों के साथ मिलकर सरकारी खजाने को चपत लगाने वालों के खिलाफ मामला दर्ज करने की अभी शुरूआत हुई है। अभी तो विभाग में सफाई बाकी है। चूंकि कराधान विभाग में कहीं अधिक लोगों की संलिप्तता रही है। जिन्होंने फर्जी फर्मों के सरगनाओं के लिए मुनीम बनकर कार्य किया है। विभाग में ऐसे कर्मचारी व अधिकारी शुमार है, जिन्होंने फर्जी फर्मों के लिए रिटर्न भरने का कार्य किया है। फर्जी फर्मों की फाइलें ही खुर्दबुर्द कर डाली। विभाग में आई शिकायती ई-मेल को ही डिलीट कर दिया। अब बारी-बारी से विभाग के ही ऐसे अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ भी कार्रवाई होने की उम्मीद जगी है और ऐसे लोगों का बच पाना आसान नहीं होगा।
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- टूटेगा 'एमआरपीÓ का तिलिस्म!
सिरसा। कराधान विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों की जेब भरकर फर्जी फर्मों का साम्राज्य खड़ा करने वाले एमआरपी यानि महेश बांसल, पदम बांसल और रमेश कुमार का तिलिस्म जल्द ही टूटेगा। शासन और प्रशासन की ओर से अब अपना रूख स्पष्ट कर दिया गया है। कराधान विभाग के अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज होने के साथ ही स्पष्ट हो गया है कि अब एमआरपी के खुले में रहने के दिन पूरे हो गए है और अब उन्हें सलाखों के पीछे जीना पड़ेगा।
फर्जी फर्मों के कारोबार की शुरूआत एमआरपी द्वारा सिरसा से ही शुरू की गई थी। पिछले दो दशक के दौरान पूरे देश में अपना जाल फैला लिया था। फर्जी फर्मों के माध्यम से करोड़ों का कारोबार दर्शाकर टैक्स की चोरी की और विभागीय अधिकारियों से मिलीभगत कर सरकारी खजाने से रिफंड भी हासिल कर लिया। सूत्र बताते है कि जिन अधिकारियों के बलबूते एमआरपी अब तक बचने में कामयाब रहें थे, गृह मंत्री अनिल विज ने उनके 'परÓ कुतर दिए है। जिसके कारण अब उनके काले कारोबार को बचाने वाला कोई नहीं है। श्री विज के कड़े तेवर के कारण ही पूरे प्रदेश में कराधान विभाग में हडकंप मचा हुआ है और फर्जी फर्मों के संचालकों को छिपने के लिए न जमीन पर जगह मिल रही है और न ही आसमान में।
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- फर्जी फर्म बनाने के आरोप में मामला दर्ज
सिरसा। सिविल लाइन सिरसा पुलिस ने हिसार की दयानंद कालोनी निवासी अश्वनी कुमार पुत्र ओमप्रकाश की शिकायत पर दो लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। शिकायतकत्र्ता अश्वनी कुमार ने बताया कि वह फिलहाल सिरसा के हुडा चौक के पास रहता है। उसने बताया कि अनाज मंडी निवासी सुनील अरोड़ा व सत्यम निवासी हिसार ने उसके दस्तावेज का दुरुपयोग करके फर्जी फर्म बनाई है। आरोपियों ने उसके साथ धोखाधड़ी की है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर आरोपियों के खिलाफ भादंसं की धारा 420, 467, 468, 471, 120बी के तहत मामला दर्ज किया है। मामले की जांच का जिम्मा सब इंस्पेक्टर रामनिवास को सौंपा गया है।
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- भर्ती में धांधली बरते जाने का मामला
= सीडीएलयू के पूर्व वाइस चांसलर केसी भारद्वाज सहित आधा दर्जन पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज
सिरसा। सिविल लाइन सिरसा पुलिस ने चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय के पूर्व वाइस चांसलर डा. केसी भारद्वाज सहित आधा दर्जन प्राध्यापकों व अन्य के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। यमुनानगर निवासी संभव गर्ग पुत्र गोबिंद गोपाल गर्ग की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया है। जिसकी जांच का जिम्मा डीएसपी हैडक्वार्टर आर्यन चौधरी ने संभाला है।
शिकायतकत्र्ता संभव गर्ग की ओर से पुलिस में दर्ज करवाई गई शिकायत में बताया गया कि हिमानी शर्मा की नियुक्ति के मामले में तमाम नियम कायदों को ताक पर धरा गया। फर्जी दस्तावेज पेश किए गए। सीडीएलयू के तत्कालीन वाइस चांसलर डा. केसी भारद्वाज ने हिमानी शर्मा को बतौर असिसटेंट प्रोफसर नियुक्त किया। उसकी नियुक्ति को सही साबित करने की भी कोशिश की। संभव गर्ग की ओर से दर्ज करवाई गई शिकायत के आधार पर पुलिस ने हिमानी शर्मा, डा. केसी भारद्वाज, तत्कालीन रजिस्ट्रार डा. वजीर सिंह नेहरा, तत्कालीन डिप्टी रजिस्ट्रार एनसी जैन, तत्कालीन असिसटेंट रजिस्ट्रार हवा सिंह, असिसटेंट बजरंगलाल, कम्प्यूटर असिसटेंट केके असीजा, लॉ ऑफिसर बलजीत कुमार, लीगल असिसटेंट मदन सिंह व अन्य के खिलाफ भादंसं की धारा 119, 120बी, 166, 167, 217, 218, 408, 409, 418, 420, 463, 464, 465, 467, 468, 470, 471, 474 व पीसी एक्ट की धारा 13(1), 13(2) के तहत मामला दर्ज किया है।
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= जेल में कैदियों में मारपीट, 5 पर मामला दर्ज
सिरसा। सिविल लाइन सिरसा पुलिस ने जिला जेल के डिप्टी सुपरिडेंट वरूण कुमार की शिकायत पर पांच कैदियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। शिकायत में बताया गया है कि चार कैदियों ने मिलकर एक कैदी के साथ मारपीट की और उसे घायल कर दिया। पुलिस ने शिकायत के आधार पर कप्तान उर्फ कैप्टन पुत्र सूरजभान, भजन लाल पुत्र साधुराम, गुरजीत उर्फ गीता पुत्र खजान सिंह, विनोद पुत्र अमरजीत व बलराज पुत्र वचित्र सिंह के खिलाफ भादंसं की धारा 148, 149, 323 व बंदी अधिनियम की धारा 45 के तहत मामला दर्ज किया है।
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= हाईकोर्ट ने खारिज किया स्टे
- पार्षद के निलंबन और चुनाव की तारीख पर 16 नवंबर को होगी सुनवाई
सिरसा। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा नगर परिषद सिरसा के प्रधान पद के चुनाव पर बीती 7 अगस्त को दिए गए स्टे को अदालत आज तोड़ दिया है। इसके साथ ही प्रधान पद के चुनाव का रास्ता साफ हो गया है। अदालत में आज सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल, कुछ नगर पार्षदों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गौरव अग्रवाल व पार्षद बलजीत कौर के वकील वीसी के माध्यम से पेश हुए। कुछ नगर पार्षदों की ओर से गौरव अग्रवाल एडवोकेट की ओर से पार्षद बलजीत कौर की सदस्यता निलंबित किए जाने, प्रधान पद के चुनाव के स्टे को खारिज किए जाने तथा प्रधान पद के चुनाव 72 घंटे में करवाए जाने की मांग की गई थी। अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए प्रधान पद के चुनाव पर दिए गए स्टे को तोड़ दिया। जबकि पार्षद बलजीत कौर के निलंबन और प्रधान पद के चुनाव के लिए नई तारीख तय करने बारे सुनवाई को 16 नवंबर के लिए टाल दिया है।
वर्णनीय है कि हाईकोर्ट ने बीती 7 अगस्त को प्रधान पद के चुनाव पर स्टे दिया था। सिरसा में 11 अगस्त को प्रधान पद के चुनाव तय किए गए थे। मगर, 10 अगस्त को अदालत के आदेश देर सायं पहुंचें, जिसमें बताया गया था कि पार्षद बलजीत कौर की ओर से 7 अगस्त को ही स्टे हासिल किया जा चुका है। ऐसे में प्रशासन ने चुनाव स्थगित कर दिए थे। इसके साथ ही सिरसा में जमकर नाटक हुआ। बीती 11 अगस्त को पार्षद बलजीत कौर कई कांग्रेसी नेताओं के साथ नगर परिषद सिरसा कार्यालय में पहुंची और उसने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने से ही इंकार कर दिया था। चुनाव पर स्टे के लिए हलोपा सुप्रीमो गोपाल कांडा, भाजपा और जिला प्रशासन पर आरोप जड़े गए।
पार्षद बलजीत कौर के स्टे याचिका दाखिल न करने के ऐलानिया बयान की वजह से सिरसा में कौतुहल बन गया था कि आखिर किसने अदालत में बलजीत कौर की ओर से याचिका दाखिल की? आखिर वो कौन है जो सिरसा का विकास नहीं चाहता? वो कौन है जिसने चुनाव को टालने के लिए षड्यंत्र रचा है? बलजीत कौर की इंकारी के कारण यह रहस्य बन गया था। बाद में पार्षद बलजीत कौर द्वारा अपने पति हरदास सिंह रिंकू व बच्चों के साथ धार्मिक स्थल में इस आशय की शपथ भी ली कि उसने उच्च न्यायालय में स्टे याचिका दाखिल नहीं की। इसके कारण मामला अधिक तूल पकड़ गया।
मामले में तब मोड़ आया, जब पार्षद बलजीत कौर ने हाईकोर्ट में स्टे याचिका वापस लेने के लिए अर्जी दी। तब सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल और कुछ नगर पार्षदों की ओर से गौरव अग्रवाल एडवोकेट पेश हुए और उन्होंने याचिका वापस लेने का विरोध किया। कोर्ट ने याचिका वापस करने से इंकार कर दिया और मामले में सरकार से साक्ष्य रखने के आदेश दिए। इसके साथ ही पार्षद बलजीत कौर को भी शपथ पत्र देने के आदेश दिए। सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल की ओर से पहले सीडी और बाद में पैन ड्राइव में साक्ष्य पेश किए गए कि पार्षद बलजीत कौर की ओर से पहले याचिका दाखिल करने से इंकार किया गया था और अब वह कोर्ट से याचिका वापस लेना चाहती है। उधर, पार्षद बलजीत कौर ने आखिरकार यह स्वीकारोक्ति की कि उसने ही कोर्ट में स्टे याचिका दाखिल की थी। मामले में गौरव अग्रवाल एडवोकेट की ओर से पार्षद बलजीत कौर की सदस्यता निलंबित किए जाने, चुनाव पर दिए स्टे को खारिज करने की मांग की गई थी। हाईकोर्ट के आज के फैसले से प्रधान के चुनाव का रास्ता साफ हो गया है। अब लोगों को 16 नवंबर का इंतजार रहेगा।
फोटो :: लोगो
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-कोविड की वजह से पढ़ाई प्रभावित, पूरी फीस वसूल रहा उच्चतर शिक्षा विभाग
= मुख्य सचिव से कालेज फीस में संसोधन की मांग
सिरसा। देश-दुनिया कोविड-19 से प्रभावित है। पढ़ाई पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ा है। स्कूल-कालेज सब बंद पड़े है। परीक्षाएं भी टाल दी गई है। बिना पढ़ाई के फीस वसूली का विरोध भी हुआ है। लेकिन उच्चतर शिक्षा विभाग द्वारा अपने फीस संरचना मे कोई फेरबदल नहीं किया गया है। छात्रों को जो सुविधा प्रदान ही नहीं की जा रही, उसकी भी वसूली की जा रही है।
सिरसा के प्रमुख व्हीस्ल ब्लोअर प्रो. करतार सिंह ने प्रदेश के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर फीस संरचना में सुधार किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि गरीब छात्र-छात्राओं के लिए भारी भरकम फीस अदा कर पाना कठिन होता है। कोविड-19 की वजह से छात्रों को जो सुविधाएं दी ही नहीं जा रही, उनकी एवज में फीस वसूलना अनुचित है। इसके साथ ही फीस अदायगी के लिए बच्चों के आय के स्त्रोत भी प्रभावित हुए है। इसलिए फीस में बदलाव करना चाहिए और छात्र-छात्राओं को राहत प्रदान करनी चाहिए।
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- इन मदों की फीस हो निरस्त
- यूथ वेल्फेयर फंड : 200 रुपये
- ईवीएस : 240 रुपये
-एक्जाम फंड : 1100 रुपये
- स्पोर्ट्स फंड : 150 रुपये
- इलेक्ट्रिसिटी फंड : 120 रुपये
मधुबन से सिरसा पहुंची ब्रास बैंड टीम, शहीदों को किया नमन
सिरसा। मधुबन से ब्रास बैंड के साथ पुलिस टीम सिरसा पहुंची और पुलिस लाइन, हाउसिंग बोर्ड व टाउन पार्क में शहीदों को समर्पित कार्यक्रम का आयोजन किया। इसका नेतृत्व सब इंस्पेक्टर राम निवास ने किया। सर्वप्रथम पुलिस लाइन में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जहां शहीदों के प्रति सम्मान का संदेश दिया गया। इसी के साथ पुलिस विभाग व अद्र्धसैनिक बलों में ड्यूटी के दौरान शहीद हुए जवानों को श्रद्धासुमन भी अर्पित किए गए। इस अवसर पर मधुबन से सब इंस्पेक्टर रामनिवास ने कहा कि शहीद हमारे देश की अमूल्य धरोहर है। देशसेवा में निष्ठापूर्वक ड्यूटी करते हुए अपने प्राणों की आहुति देना गर्व की बात है। हमें उन शहीद पुलिस व अद्र्धसैनिक बलों के अधिकारियों व जवानों को नमन करना चाहिए व उनसे प्रेरणा लेकर राष्ट्र को समर्पित होकर निष्ठापूर्वक ड्यूटी करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि शहीदों के सम्मान का यह कार्यक्रम 31 अक्टूबर तक चलेगा। इसके बाद हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी व टाउन पार्क में भी ब्रास बैंड के साथ कार्यक्रम किया गया। इस दौरान युवाओं से आह्वïान किया कि वे देश के लिए शहीद हुए वीर जवानों से प्रेरित होकर देश सेवा में योगदान दें।
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