गबन पर पर्दा डाला, दी क्लीन चिट!
- उपभोक्ताओं से वसूले थे 29 लाख 76 हजार 480, सरकारी खजाने में जमा करवाए 13 लाख 65 हजार 85 रुपये
सिरसा। पीले-गुलाबी व हरे राशनकार्ड बनाने की एवज में वसूली गई राशि को डकारने वाले खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारियों को विभाग की ओर से क्लीन चिट दे दी गई है। गबन राशि को जुर्माना सहित वसूलने बाबत सीएम विंडो पर दाखिल शिकायत का खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा निपटारा कर दिया गया है। अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट में किसी प्रकार के गबन से इंकार किया गया है और सीएम विंडो की शिकायत को डिस्पोज ऑफ करने का कारनामा कर दिखाया है।
वर्णनीय है कि खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा आरटीआई में ही इस आशय की जानकारी दी गई थी कि पीले, गुलाबी व हरे राशन कार्ड बनाने की एवज में उपभोक्ताओं से 29 लाख 76 हजार 480 रुपये गए थे। विभागीय अधिकारियों ने इस राशि में से महज 13 लाख 65 हजार 85 रुपये ही सरकारी खजाने में जमा करवाए। जबकि 16 लाख 11 हजार 395 रुपये की राशि जमा नहीं करवाए। विभागीय अधिकारियों के गबन का जब मामला उजागर हुआ, तब जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक की ओर से विभागीय अधिकारियों को नोटिस जारी किए गए। नोटिस के बाद सिरसा केंद्र के अधिकारी द्वारा हरे कार्ड बनाने की फीस के रूप में चार लाख रुपये और ऐलनाबाद केंद्र के इंचार्ज द्वारा पहले ही जमा करवाए 80500 रुपये की रसीद परिमंडल कार्यालय में जमा करवाई। यानि 16 लाख में से महज 4 लाख 80 हजार 500 रुपये की राशि ही जमा हुई है।
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- इस प्रकार दी क्लीन चिट
सिरसा। विभागीय अधिकारियों ने सीएम विंडो पर दाखिल शिकायत का यह कहकर निपटारा कर दिया कि 13 हजार पीले, 12700 गुलाबी व 4700 ओपीएच कार्ड गलत पिं्रट होने के कारण वितरित नहीं किए गए। इसलिए उनकी उपभोक्ताओं से राशि भी नहीं वसूली गई। इन कार्डों की त्रुटियां दुुरुस्त करवाकर उन्हें वितरित किया जाएगा और राशि सरकारी खजाने में जमा करवाई जाएगी। सवाल जो अनुतरित्त है कि पिछले तीन वर्षों में बिना कार्डों के हजारों उपभोक्ताओं को आखिर किस आधार पर राशन का वितरण किया जा रहा है?
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- दो सालों से डकारी जा रही थी राशि
सिरसा। आरटीआई में विभागीय गबन का पर्दाफाश हुआ, अन्यथा राशन कार्ड बनाने की एवज में वसूली गई राशि के गबन का खेल तो पिछले दो वर्षों से जारी था। इस बारे में विभागीय अधिकारियों द्वारा पिछले एक वर्ष से नोटिस देने की नौटंकी भी की जा रही थी। मामले का भंडाफोड़ होने के बाद पैसा जमा करवाने का ड्रामा किया गया है। विभाग द्वारा अब भी यह स्पष्ट उल्लेख नहीं किया गया है कि आखिर 16 लाख में से कुल कितनी राशि सरकारी खजाने में जमा करवाई गई है?
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- राशि जमा करवाने पर क्लीन चिट कैसे?
सिरसा। यदि कोई अधिकारी अथवा कर्मचारी सरकारी धन का गबन कर लेता है और उसकी चोरी पकड़ी जाती है। तब उसके द्वारा चोरीशुदा राशि को जमा करवा दिया जाता है। ऐसा करने पर वह चोरी के दोष से मुक्त हो सकता है? जिन अधिकारियों ने पिछले दो वर्षों के दौरान पैसा वसूलकर हजम कर लिया और अब मामले का भंडाफोड़़ होने पर यह राशि जमा भी करवा दी तो वे कैसे दोष मुक्त हो गए? जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक सिरसा को इसका जवाब देना होगा? आखिर कैसे उन्होंने गबनकत्र्ताओं को क्लीन चिट दे दी? गबन करने वालों के खिलाफ मामला दर्ज करवाने की बजाए सीएम विंडो को ही डिस्पोज ऑफ कर दिया?
फोटो :: लैटर
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- नगर परिषद की प्रधानगी के चुनाव पर स्टे का मामला
= वीरवार को होगी हाई कोर्ट में सुनवाई
सिरसा। नगर परिषद सिरसा के प्रधान पद के चुनाव पर स्टे याचिका के मामले में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में कल यानि वीरवार को सुनवाई होगी। अदालत में पिछली सुनवाई 16 अक्टूबर को हुई थी। कल की सुनवाई को लेकर सिरसा में उत्सुकता बनी हुई है कि अदालत का क्या आदेश रहता है। चूंकि नगर पार्षद बलजीत कौर की ओर से कोर्ट में इस आशय का पहले ही शपथ पत्र दाखिल किया जा चुका है कि उसकी ओर से ही स्टे याचिका दाखिल की है। जबकि 11 अगस्त को उसने सार्वजनिक रूप से स्टे याचिका दाखिल करने से इंकार किया था। पार्षद की वजह से ही मामला तूल पकड़ गया था। मामले में सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल और कुछ पार्षदों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गौरव अग्रवाल ने पार्षद की स्टे याचिका वापस लेने का विरोध किया था।
पार्षदों की ओर से पेश हुए अधिवक्ता गौरव अग्रवाल की ओर से पार्षद बलजीत कौर की सदस्यता निलंबित करने की मांग की गई थी। इसके साथ ही सिरसा नगर परिषद के प्रधान के चुनाव पर स्टे को भी खारिज किए जाने का आग्रह किया था। मामले में अदालत द्वारा सरकार को अपना पक्ष रखने के लिए कहा गया था। इसके साथ ही अदालत ने एडवोकेट जनरल से पार्षद बलजीत कौर के मामले को लेकर साक्ष्य पैन ड्राइव में पेश करने के लिए कहा था। जोकि पिछले सुनवाई के समय अदालत में दिए गए थे।
कल वीरवार की सुनवाई के दौरान अदालत का क्या रूख रहता है, इसको लेकर सिरसावासियों की निगाहें टिकी हुई है। यह जिज्ञासा बनी हुई है कि क्या अदालत प्रधान पद के चुनाव पर स्टे को खारिज करता है? वर्णनीय है कि प्रधान पद के लिए चुनाव की तारीख 11 अगस्त तय की गई थी। लेकिन 10 अगस्त की देर सायं इस आश्य की सूचना जिला प्रशासन के पास पहुंची की पार्षद बलजीत कौर की ओर से हाईकोर्ट से 7 अगस्त को ही स्टे हासिल कर लिया गया है। इसका प्रधान के चुनाव स्थगित कर दिए गए थे। मामले में 11 अगस्त को पार्षद बलजीत कौर द्वारा स्टे याचिका हासिल करने से इंकार किया गया था। उसकी ओर से धार्मिक स्थल में शपथ भी ली गई थी। मगर, मामला जब हाईकोर्ट में पहुंचा तब पार्षद बलजीत कौर की ओर से शपथ पत्र देकर इस आश्य की स्वीकारोक्ति की गई कि स्टे याचिका उसकी ओर से ही लगाई गई है। अब अदालत इस मामले में क्या रूख अपनाता है, इस पर लोगों की निगाह टिकी हुई है।
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= फर्जी फर्मों के सरगनाओं की संपत्ति होगी जब्त!
सिरसा। फर्जी फर्मों के कारोबारियों की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। इसके साथ ही उन्हें संरक्षण देने वाले विभागीय अधिकारियों की भी खैर नहीं है। प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज की ओर से मामले को अंजाम तक पहुंचाने की ठान ली है, जिसके कारण अब टैक्स चोरों को बचने का कोई रास्ता सुझाई नहीं दे रहा। प्रदेश को पिछले दो-तीन दशकों से निचोड़ रहे टैक्स चोरों और कराधान विभाग के कुछेक अधिकारियों के अपवित्र गठजोड़ का मामला अब श्री विज द्वारा अपने हाथों में लिया गया है। जिसके सार्थक परिणाम भी दिखाई देने लगे है।
गृह मंत्री द्वारा मामले में संज्ञान लेने के साथ ही न केवल आबकारी एवं कराधान विभाग में हरकत दिखाई दे रही है, वहीं पुलिस महकमा भी हरकत में आया है। सिरसा में पिछले 10-11 माह से जो पत्र एक विभाग से दूसरे विभाग के बीच ही झूल रहे थे, उन पर आखिरकार कार्रवाई अमल में लाई गई है। इसके साथ ही प्रदेशभर में भ्रष्ट अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है। सूत्रों की माने तो अब टैक्स चोरों, फर्जी फर्मों के सरगनाओं, उन्हें संरक्षण देने वालों की संपत्ति को जब्त करने की तैयारी की गई है। श्री विज द्वारा मामले में लगातार पुलिस व कराधान विभाग के अधिकारियों की बैठक ली जा रही है और उनसे अपडेट मांगी जा रही है।
गृह मंत्री श्री विज की वजह से पूरे प्रदेश के टैक्स चोरों में खलबली मची है। दरअसल, फर्जी फर्मों के माध्यम से प्रदेश के खजाने को चपत लगाने वालों द्वारा कराधान विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों से मिलकर बड़े स्तर पर खेल खेला जा रहा था। उनकी ओर से मामले के जांच अधिकारियों को भी प्रभावित किया जाता था। इसी वजह से सैकड़ों मामले दर्ज होने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई और फर्जी फर्मों का कारोबार बदस्तूर जारी था। लेकिन अब लगता है कि कार्रवाई होगी और टैक्स चोरों का सलाखों के पीछे जाना तय है।
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- वैट के बाद जीएसटी पर निगाहें
सिरसा। गृह मंत्री अनिल विज द्वारा पहले वैट के मामलों में हुई प्रगति की रिपोर्ट तलब की गई थी और पेडिंग मामलों में कार्रवाई के निर्देश दिए थे। वर्ष 2017 से पहले टैक्स वसूली के लिए वैट लागू था। इस अवधि से पहले टैक्स चोरी के मामले वैट कानून के अधीन थे। मुख्यत: वर्ष 2000 से लेकर 2017 की अवधि में सर्वाधिक टैक्स चोरी का खेल खेला गया। इस दौरान ही अनेक लोग फर्जी फर्में बनाकर फर्श से अर्श पर पहुंच गए। उन्होंने अकूत संपत्ति जुटाई और अपना साम्राज्य स्थापित कर डाला। सिरसा में एमआरपी ने तो देशभर में अपना काला कारोबार फैलाया। श्री विज द्वारा वैट के बाद अब जीएसटी चोरी मामले में भी कार्रवाई की रिपोर्ट तलब की है। चूंकि जीएसटी चोरी भी थमी नहीं है और इस मामले में भी लीपापोती ही की गई। कुछेक मामलों में पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाई गई और मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। लेकिन श्री विज द्वारा मामले जवाबदेही तय की जा रही है, जिसके कारण विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।
फोटो :: जीएसटी लोगो
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= जमीनी सौदे में धोखाधड़ी, मामला दर्ज
सिरसा। सिविल लाइन सिरसा पुलिस ने बांसल कालोनी निवासी मुकुल जसूजा पुत्र रामकिशन की शिकायत पर दो लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। पुलिस में दर्ज करवाई शिकायत में मुकुल जसूजा ने बताया कि आरोपियों ने उसके साथ जमीन का सौदा 12 लाख में किया था। आरोपियों ने पूरे पैसे लेने के बाद भी उसके नाम रजिस्ट्री नहीं करवाई और उसके साथ धोखाधड़ी की है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर विवेक पुत्र साईदित्ता निवासी सी-ब्लॉक व नीरू सेतिया पत्नी सुनील सेतिया निवासी शिवचौक के खिलाफ भादंसं की धारा 406, 420 के तहत मामला दर्जकर जांच शुरू कर दी है।
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= रानियां तहसील के डिप्टी रजिस्टे्रशन ऑफिसर सहित 5 पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज
सिरसा। रानियां पुलिस ने हुडा सेक्टर-19 सिरसा निवासी पूर्ण सिंह पुत्र कुशाल सिंह की शिकायत पर रानियां तहसील के डिप्टी रजिस्टे्रशन ऑफिसर सहित पांच लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में भादंसं की धारा 420, 467, 468, 471 के तहत मामला दर्ज किया है। शिकायतकत्र्ता ने बताया कि आरोपियों ने षड्यंत्र रचकर फर्जी दस्तावेजों से उसकी ओटू में स्थित जमीन को किसी दूसरे के नाम कर दिया। पुलिस ने मामले में सुखविंद्र सिंह पुत्र जगीर सिंह, सुखदेव सिंह पुत्र जगीर सिंह निवासी ओटू, सुभाष चंद्र नंबरदार रानियां, गुलजारी लाल पुत्र वेद प्रकाश निवासी ओटू व रानियां तहसील के तत्कालीन डिप्टी रजिस्ट्रेशन ऑफिसर के खिलाफ मामला दर्जकर जांच का जिम्मा सब इंस्पेक्टर जय सिंह को सौंपा है।
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= जेब भरने के लिए दांव पर लगा दिया सरकारी धन!
- गली के निर्माण में बरती गई धांधली, चंद माह में धंसी रोड
सिरसा। सिरसा जिला की नगर पालिकाओं और नगर परिषदों में घटिया निर्माण सामग्री का इस्तेमाल करके गलियां व सड़के बनाने का कारनामा अंजाम दिया गया। जिसकी वजह से चंद माह में ही नई बनी गलियां व सड़क धंस चुकी है। जिसके कारण हादसे की भी आशंका बनी रहती है। घटिया निर्माण सामग्री के इस्तेमाल की एवज में कुछेक अधिकारियों ने अपनी जेब भरी और सरकारी खजाने को चपत लगाई।
्र ऐसा ही मामला रानियां के वार्ड नंबर-एक नाथों वाला मोहल्ला से तहसील को जाने वाला मुख्य मार्ग पर सामने आया है। इस मार्ग का निर्माण कुछ माह पूर्व ही किया गया था। जिसके निर्माण पर सरकारी खजाने से लाखों रुपये खर्च किए गए। इसके निर्माण में धांधली बरती गई, परिणाम स्वरूप पूरा मार्ग ही जगह-जगह से धंस गया है। जिसके कारण आने जाने वाले वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त होने का अंदेशा बना हुआ है। स्थानीय निवासी छात्रा राजरानी ने जिला उपायुक्त से मामले की जांच करवाने और गली निर्माण में धांधली बरतने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
फोटो :: रानियां
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= एक लाख के पार पहुंचा सिरसा में सैंपलिंग का ग्राफ
सिरसा। कोरोना की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा लिए जा रहे सैंपल का आंकड़ा एक लाख को पार कर गया है। विभाग की ओर से अब तक एक लाख 2 हजार 241 सैंपल लिए जा चुके है। जिला में पॉजिटिव मरीजों का प्रतिशत प्रदेश के औसत से कम यानि 5 प्रतिशत के आसपास है। जबकि प्रदेश का औसत 6 प्रतिशत के आसपास है। जिला में अब तक 5113 लोग पॉजिटिव पाए जा चुके है। जिसमें से 4631 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हो चुके है। वर्तमान में सक्रिय मरीजों की संख्या 402 है, जिसमें से 256 का घर पर और 72 का अस्पताल में उपचार चल रहा है।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से सैंपलिंग की रफ्तार बढ़ाई गई है ताकि संक्रमित का समय पर उपचार करके इसे फैलने से रोका जा सकें। स्वास्थ्य विभाग के प्रयास अपनी जगह है और नागरिकों का भी यह दायित्व है कि कोरोना को फैलने से रोकने में मदद करें। हमेशा मुंह पर मास्क पहनकर ही बाहर निकलें। भीड़भाड़ वाले स्थान से दूर रहें। सोशल डिस्टेसिंग के नियमों की पालना करें।
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-वृद्धा की मौत, 74 पॉजिटिव मिलें
सिरसा। बुधवार को सिकंदरपुर निवासी एक 83 वर्षीय महिला की मौत हो गई। उसका हिसार के एक प्राइवेट अस्पताल में उपचार चल रहा था। इसके साथ ही जिला में कोरोना की वजह से मौत का आंकड़ा 80 पर पहुंच गया है। वहीं, आज कोरोना के 74 नए मामले सामने आए है। जबकि 18 लोगों को स्वस्थ होने पर डिस्चार्ज किया गया है। सिरसा जिला का रिकवरी रेट फिलहाल 90 प्रतिशत पर बना हुआ है।
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= विधवा ने लगाई एसपी से सुरक्षा की गुहार
सिरसा। गांव सुचान निवासी विधवा रामकौरी ने आज पुलिस अधीक्षक से सुरक्षा की गुहार लगाई। पुलिस अधीक्षक ने मामले को सिविल लाइन थाना प्रभारी को अग्र प्रेषित किया है। रामकौरी की ओर से बताया गया कि उसने गांव सुचान में पंचायती फंड में हुए घपले की शिकायत की थी। जिसकी जांच के लिए पंचायती राज चौकसी विभाग हरियाणा की चंडीगढ़ से टीम आई हुई थी और उसे बीडीपीओ द्वारा पंचायती राज विभाग के एक्सईएन कार्यालय में अपने ब्यान दर्ज करवाने के लिए बुलाया गया था। वह वरिष्ठ नागरिक होने की वजह से अपने रिश्तेदारों के साथ यहां आई थी। तभी दर्जनभर लोगों ने उन्हें घेर लिया और धमकी दी कि यदि उन्होंने टीम के सामने ब्यान दिए तो उन्हें इसका अंजाम भुगतना पड़ेगा। शिकायतकत्र्ता ने बताया कि पंचायती फंड में हुए गडबड़झाले की शिकायत करने के कारण उसे जान का खतरा बना हुआ है। इसके साथ ही उसके साथ आए लोगों की भी जान को खतरा है। पुलिस अधीक्षक ने न्याय दिलवाने का भरोसा दिलाया।
फोटो :: पीडि़ता
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