हलोपा सुप्रीमो गोपाल कांडा की सीएम से बढ़ती नजदीकियां
= सिरसा के प्रगति की राह हुई आसान
सिरसा। मनोहर सरकार-2 को बिना शर्त समर्थन दे रहे हलोपा सुप्रीमो गोपाल कांडा की सीएम से नजदीकियों से सिरसा के विकास की राह आसान हो रही है। समर्थन की एवज में सिरसा का चहुंमुखी विकास चाहने वाले कांडा को सीएम मनोहर लाल खट्टर की ओर से भी भरपूर सहयोग का आश्वासन दिया गया है। जिसके कारण सिरसा के विकास की उम्मीद जगी है। जिस प्रकार सीएम ने कांडा के आग्रह पर सिरसा में मेडिकल कालेज की मांग को स्वीकार किया और अन्य विकास योजनाओं पर सहमति की मोहर लगाई है, उससे आने वाले दिनों में सिरसा की तस्वीर बदलना तय है।
दरअसल, राजनीति करने वालों द्वारा इस क्षेत्र में आने के बाद अपने स्वार्थ सिद्ध किए जाते है। सरकार में रहकर अथवा सरकार के साथ खड़े होकर अपने काम निकालने की कोशिश की जाती है। लेकिन गोपाल कांडा इसका अपवाद है। जिन्होंने हुड्डा सरकार में भी और अब मनोहर सरकार को समर्थन देने की एवज में कभी कुछ नहीं मांगा। उन्होंने केवल एक ही शर्त रखी कि उनके विधानसभा क्षेत्र का चहुंमुखी विकास हों। हुड्डा सरकार के समय भी गोपाल कांडा ने सिरसा के लिए ऐतिहासिक कार्य मंजूर करवाए, जिसका लाभ सिरसावासियों को हुआ। सिरसा शहर की जो समस्याएं पिछले चालीस वर्षों से लंबित थी, उनका श्री कांडा ने निदान करवाने का कार्य किया।
मनोहर सरकार-2 को समर्थन देने पर भी उनकी ओर से केवल सिरसा के विकास की ही मांग रखी गई है। जिससे सीएम मनोहर लाल भी प्रभावित हुए नहीं रह सकें। जिस समय मंत्रियों और विधायकों की ओर से अपने हितों के कार्यों की सूची सीएम को थमाई जाती है, उस समय कांडा ही अकेले ऐसे नेता है, जोकि निस्वार्थ भाव से विधानसभा क्षेत्र की जनता की समस्याओं के समाधान की मांग रखते है। यही वजह है कि सीएम द्वारा गोपाल कांडा को अधिक तवज्जो दी जाती है, चूंकि सीएम यह भलीभांति जान चुके है कि कांडा कभी भी अपने लिए कुछ नहीं मांगते। वैसे भी सीएम को पूरे प्रदेश की चिंता है और वे हर क्षेत्र में समान रूप से विकास करवाने के लिए प्रतिबद्ध है, ऐसे में सिरसा के जनप्रतिनिधि के रूप में जब कांडा द्वारा उनसे क्षेत्र के विकास के लिए आग्रह किया जाता है, तब उसका वजन बढ़ जाता है।
इस एक साल की अवधि में सीएम मनोहर लाल खट्टर व विधायक गोपाल कांडा के बीच अनेक मुलाकात हो चुकी है और उनमें नजदीकियां स्पष्ट रूप से देखी भी जा रही है। भले ही जेजेपी के समर्थन से चल रही भाजपा सरकार के लिए निर्दलीय विधायकों को साथ जोड़े रखने की मजबूरी हों, लेकिन कांडा के मामले में ऐसा नहीं है। क्योंकि सीएम यह भलीभांति जान चुके है कि कांडा के लिए राजनीति धनार्जन करने का माध्यम नहीं है। वे स्वयं एक सफल कारोबारी है और राजनीति को समाजसेवा का माध्यम मानते है। इसलिए वे सिरसा के हितों की बात ही करते है।
जानकार बताते है कि जिस प्रकार की ट्यूनिंग बनी हुई है, उसके दूरगामी परिणाम जल्द सामने आने तय है। विधायक गोपाल कांडा की ओर से सिरसा विधानसभा क्षेत्र के चहुंमुखी विकास का रोडमैप तैयार किया गया है और सरकार से उन्हें मंजूर करवाने की कोशिश की जा रही है। सरकार द्वारा जैसे ही इन परियोजनाओं को मंजूरी दी जाएगी, सिरसा की तस्वीर ही बदल जाएगी। यह तय है कि आने वाले दिनों में सिरसा प्रगति के पथ पर दौड़ता हुआ दिखाई देगा। सिरसावासियों को भी अपने विधायक पर पूरा यकीन है कि वे ही सिरसा को विकास के पथ पर अग्रसर कर सकते है। चूंकि वर्ष 2009 में पहली बार विधायक बनने पर उन्होंने सिरसावासियों से किए गए चुनावी वादों को पूरा करके दिखाया था। श्री कांडा ने सिरसा शहर को पेयजल हेतु नहरी पानी उपलब्ध करवाने का वादा किया था, जिसे पूरा करके दिखाया। उन्होंने चत्तरगढ़पट्टी से केलनियां तक सीवरेज योजना को मंजूर करवाया। नटार डिस्पोजल परियोजना भी उन्हीं के प्रयासों से पूरी हो पाई। निकट भविष्य में शहर से अनाज मंडी, सब्जी मंडी, लक्कड़ मंडी को शिफ्ट किया जाना है। शहर के चारों ओर रिंग रोड का निर्माण अगला लक्ष्य है। मेडिकल कालेज के निर्माण की दिशा में कार्य प्रगति पर है। ऐसे में आने वाले दिनों में सिरसा की सूरत बदली-बदली नजर आएगी।
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