
अहमदाबाद( डॉ सुखपाल सावंत खेडा)-
गुजरात के साबरकांठा जिले में एक आदिवासी युवक की लाश ढाई माह से अंतिम संस्कार का इंतजार कर रही है क्योंकि संदिग्ध हालात में मरे युवक के परिजन मौताणा (मौत के बदले मुआवजा) की मांग करते हुए शव आरोपी के घर डाल आए है। पुलिस-प्रशासन ने मामला संज्ञान में आने के बाद दोनों पक्षों में समझौते के प्रयास तेज कर दिए हैं। साबरकांठा जिले के पोशिना थाने की पुलिस को एक जुलाई को किसी ने सूचना दी कि खेड़ब्रम्हा गांव के पास हरणाव नदी के किनारे एक युवक का शव पड़ा है। सिर में चोट का निशान देख पुलिस ने हत्या की आशंका जताते हुए अज्ञात लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया। इसी दरम्यान मृतक की शिनाख्त मीठीवेड़ी गांव निवासी कानजी लाडूभाई परमार के रूप में की गई। कानजी के पिता ने दो तीन हफ्ते शव घर पर रखा। इसके बाद नजदीकी गांव खरडि़या निवासी कालूभाई और उसके साथियों पर कत्ल का आरोप लगाते हुए शव उसके घर में छोड़ दिया। दो माह से ज्यादा समय तक लाश घर में पड़ी होने की सूचना पर डीएम ने पुलिस को दोनों पक्षों में राजीनामा कराकर शव का अंतिम संस्कार कराने के निर्देश दिए हैं।
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