
डबवाली, (डॉ सुखपाल सावंत खेडा )
हरियाणा की राजनीति में जाटलैंड का खासा महत्व रहा है। राजनीति मुहिमों के बिगुल अक्सर इसी क्षेत्र से फूंके जाते रहे हैं। लेकिन बीती कुछ घटनाओं की वजह से विधानसभा चुनाव के दौरान यही इलाका पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ है। प्रदेश के गृह विभाग ने भी पुलिस को चेताया है कि चुनाव के दौरान इस इलाके पर पैनी नजर रखी जाए और प्रदेश के इस हिस्से को बाकी से अलग रखकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं। सूत्र कहते हैं कि चिंता नाजायज नहीं है। जाटलैंड राजनीति और सामाजिक दृष्टिकोण से हमेशा से महत्वपूर्ण रहा है। हरियाणा के ज्यादातर कद्दावर इसी क्षेत्र की देन हैं। चौधरी छोटूराम, ताऊ देवीलाल, चौधरी बंसीलाल, ओमप्रकाश चौटाला, मौजूदा मुख्यमंत्री चौधरी भूपेंद्र सिंह हुड्डा और वित्तमंत्री बीरेंद्र सिंह इसी इलाके के हैं। प्रदेश की राजनीति हमेशा से जाट को ध्यान में रखकर ही की जाती रही है। यह सभी कारक यहां के लोगों को अहसास कराने के लिए काफी हैं कि वह बाकियों से कहीं ज्यादा बेहतर हैं। और, शायद यहीं से शुरू होती है पुलिस की समस्या? पीछे की कुछ घटनाएं इस तरफ इशारा भी करती हैं। छोटी सी बात को मान सम्मान का प्रश्न बनाकर आर-पार की लड़ाई लड़ना यहां का फैशन बन चुका है। राजनीति हो या समाज हर जगह अपनी चलाना जैसे यहां शगल हो गया है। इसके लिए कानून-व्यवस्था को ठेंगा दिखाने में यह पीछे नहीं हटते। प्रेम विवाह के कारण हुई पांच हत्याएं इस बात की निशानी है। कई ऐसे उदाहरण है जब वे पुलिस से भी भिड़ गए। ऐसा ही कुछ अरसे पहले भिवानी में लोगों ने पुलिस पर ही हमला बोल दिया था। महम व गोहाना कांड हो या फिर बाबा रामपाल के आश्रम पर पुलिस की घेराबंदी, सभी मसलों में इन लोगों ने पुलिस को खुली चुनौती दी। एक अधिकारी कहते हैं कि इस इलाके में ही अपराधी गिरोहों के साथ-साथ अंडरवर्ल्ड की गतिविधियां भी देखने को मिलती रही हैं। वह कहते हैं कि ऐसा नहीं कि बाकी जगह कभी कुछ हुआ ही नहीं। लेकिन वहां की घटनाएं एक प्रतिक्रिया कही जा सकती हैं। अलबत्ता जाटलैंड का इतिहास अलग है। वह कहते हैं कि पुलिस को हिदायत दी गई है कि हर वह चीज अमल में लाई जाए जिससे कानून-व्यवस्था दुरूस्त रहे। पब्लिक के मान सम्मान को ठेस पहुंचाए बगैर सारा काम किया जाए। उधर, डीजीपी (कानून व व्यवस्था) वीएन राय कहते हैं कि चुनाव में पुलिस पूरी तरह से तैयार है। उनका कहना है कि लोकसभा की तरह से यह चुनाव भी शांतिपूर्ण तरीके से निबट जाएगा?
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें