IMPORTANT-------ATTENTION -- PLEASE

-----------------------------------"यंग फ्लेम" परिवार में आपका हार्दिक स्वागत है। "यंग फ्लेम" परिवार आपका अपना परिवार है इसमें आप अपनी गजलें, कविताएं, लेख, समाचार नि:शुल्क प्रकाशित करवा सकते है तथा विज्ञापन का प्रचार कम से कम शुल्क में संपूर्ण विश्व में करवा सकते है। हर प्रकार के लेख, गजलें, कविताएं, समाचार, विज्ञापन प्रकाशित करवाने हेतु आप 093154-82080 पर संपर्क करे सकते है।-----------------------------------------------------------------------------------------IF YOU WANT TO SHOW ANY KIND OF VIDEO/ADVT PROMOTION ON THIS WEBSITE THEN CONTACT US SOON.09315482080------

Young Flame Headline Animator

मंगलवार, 15 सितंबर 2009

पर्यावरण सुरक्षा होगी और महँगी




डबवाली, (डॉ सुखपाल सावंत खेडा )

बदलते मौसम के प्रभावों से विकासशील देशों को बचाने पर आने वाला खर्च आशा के विपरीत कहीं ज़्यादा आने के आसार हैं.

दिसंबर में कोपेनहेगन में होने वाले जलवायु सम्मेलन में एक नया समझौता होना है, जिसके तहत विकासशील देश अपने यहाँ जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के लिए अमीर देशों से भारी वित्तीय मदद की उम्मीद कर रहे हैं.

वर्ष 2007 में संयुक्त राष्ट्र के जलवायु परिवर्तन सम्मेलन के एक अनुमान के मुताबिक़ ये खर्च 49 से 171 अरब डॉलर प्रतिवर्ष बताया गया था.

इस रिपोर्ट के प्रमुख लेखक मार्टिन पैरी ने लंदन के इंपीरियल कॉलेज में कहा,“कोपेनहेगन शिखर सम्मेलन में बदलते मौसम के असर से निपटने पर आने वाले वित्तीय ख़र्च का जो अनुमान पेश किया जाएगा, उसी पर ये निर्भर करेगा कि जलवायु परिवर्तन पर समझौता हो पाएगा या नहीं.”

कोपेनहेगन शिखर सम्मेलन में बदलते मौसम के असर से निपटने पर आने वाले वित्तीय ख़र्च का जो अनुमान पेश किया जाएगा, उसी पर ये निर्भर करेगा कि जलवायु परिवर्तन पर समझौता हो पाएगा या नहीं
प्रोफैसर मार्टिन पैरी, प्रमुख रिपोर्ट लेखक

प्रोफ़ेसर पैरी बदलते मौसम पर बने अंतरसरकारी आयोग यानी आईपीसीसी के सन 2007 के उस कार्यदल के सहअध्यक्ष भी रहे हैं, जिसने इस ख़र्च का अनुमान पेश किया था.

अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण और विकास अनुसंधान संस्थान और ग्रैंथम संरस्थान की और से जारी की गई इस नई रिपोर्ट में कहा गया है कि 2007 के आंकड़ों में बहुत से तथ्यों को अनदेखा किया गया था इसीलिए वास्तविक ख़र्च पहले के मुकाबले दो या तीन गुना ज्यादा आने के आसार हैं.

रिपोर्ट में ये भी कहा गया है, कि संयुक्त राष्ट्र के पिछले अनुमान के कुछ आधार शत-प्रतिशत ग़लत रहे.

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

SHARE ME

IMPORTANT -------- ATTENTION ---- PLEASE

-----------------------------------"यंग फ्लेम" परिवार में आपका हार्दिक स्वागत है। "यंग फ्लेम" परिवार आपका अपना परिवार है इसमें आप अपनी गजलें, कविताएं, लेख, समाचार नि:शुल्क प्रकाशित करवा सकते है तथा विज्ञापन का प्रचार कम से कम शुल्क में संपूर्ण विश्व में करवा सकते है। हर प्रकार के लेख, गजलें, कविताएं, समाचार, विज्ञापन प्रकाशित करवाने हेतु आप 093154-82080 पर संपर्क करे सकते है।-----------------------------------------------------------------------------------------IF YOU WANT TO SHOW ANY KIND OF VIDEO/ADVT PROMOTION ON THIS WEBSITE THEN CONTACT US SOON.09315482080------

SITE---TRACKER


web site statistics

ब्लॉग आर्काइव

  © template Web by thepressreporter.com 2009

Back to TOP