
नई दिल्ली। भारत के चुनाव आयोग ने सैक़डों सालों की अवधारणाओं को तो़डते हुए किन्नरों को अलग पहचान देने का फैसला किया है। चुनाव आयोग ने गुरूवार को किए एक अहम् फैसले में यह व्यवस्था की है कि किन्नरों और समलैंगिकों को अपना लिंग वर्ग अब पुरूष या स्त्री लिखने की बाध्यता नहीं होगी। चुनाव आयोग ने उन्हें अन्य वर्ग में रखने का फैसला किया है। ये लोग अब मतदाता सूची में अपनी लिंग पहचान के तौर पर अन्य लिख सकेंगे। अभी तक भारतीय नागरिक की लिंग के रूप में पहचान पुरूष और स्त्री के रूप में ही की जाती थी।
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