मुंबई, महाराष्ट्र के राज्यपाल के. शंकर नारायणन का मानना है कि अन्य राज्यों से मुंबई की ओर आने वालों को रोका नहीं जा सकता। आजीवन केरल की राजनीति में सक्रिय रहे के. शंकर नारायणन से गुरुवार को पूछा गया कि मुंबई पर बढ़ते आबादी के बोझ के चलते क्या यहां बाहरियों पर अंकुश लगाया जाना चाहिए। इसके जवाब में राज्यपाल ने मुंबई को बांबे संबोधित करते हुए स्पष्ट किया कि मुंबई में बाहर से आने वालों को रोका नहीं जा सकता इसलिए इस बहस को तूल देने के बजाय हर क्षेत्र में बुनियादी ढांचा मजबूत करने के प्रयास किए जाने चाहिए। बांबे शब्द की ओर उनका ध्यान खींचे जाने पर उन्होंने कहा कि जिस तरह मेरा नाम अचानक बदल दिए जाने पर पुराना नाम एकदम से भुलाया नहीं जा सकता, उसी प्रकार बांबे को भी एकदम से भुलाया नहीं जा सकता। राज्यपाल ने अपने मूल राज्य केरल से महाराष्ट्र के विकास की तुलना करते हुए महाराष्ट्र के विकास पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि हालांकि केरल छोटा राज्य है, बावजूद इसके उसने औद्योगिक, सामाजिक एवं शैक्षणिक सभी क्षेत्रों में अच्छा विकास किया है। उसके मुकाबले महाराष्ट्र में अभी काफी विकास होने की गुंजाइश है। एक सवाल के जवाब में राज्यपाल ने महाराष्ट्र के विदर्भ एवं मराठवाड़ा क्षेत्रों के विकास के लिए बने विकास बोर्डो को कायम रखने के पक्ष में राय दी और कहा कि प्रचार माध्यमों को भी विकास एवं शिक्षा जैसे विषयों पर गंभीरता से उठाना चाहिए।
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शुक्रवार, 5 मार्च 2010
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