लंदन।क्या महिलाओं को कभी इस बात का अफसोस होता है कि ईश्वर ने उन्हें पुरुष क्यों नहीं बनाया। ब्रिटेन में किए गए एक सर्वे के मुताबिक मासिक धर्म के तनाव से तंग आकर महिलाएं कई बार खुद के पुरुष न होने पर अफसोस जाहिर करती हैं। अखबार ‘डेली एक्सप्रेस के मुताबिक 15 प्रतिशत महिलाओं ने कबूल किया कि मासिक धर्म के तनाव के कारण जब उन्हें मानसिक व्याधियों से गुजरना पड़ता है, तब उन्हें पुरुष न होने का अफसोस होता है। 9 प्रतिशत महिलाएं मानती हैं कि अंदरूनी और बाहरी शारीरिक संरचना के मामले में पुरुष ज्यादा सहज महसूस करते हैं। 2048 महिलाओं पर कराए गए सर्वे से पता चला कि 12 प्रतिशत महिलाएं किसी भी हालत में गर्भधारण के लिए तैयार नहीं होती हैं। 87 फीसदी महिलाओं ने स्वीकार किया कि वे जवानी की ओर कदम रखते वक्त अपने शरीर में हो रहे बदलावों को लेकर सहज नहीं होती हैं। कुल मिलाकर, महिलाओं को अपने स्त्रीत्व से प्यार है और इनमें से 36फीसदी ने इसके लिए यह दलील दी है कि उन्हें अपनी भावनाओं को अभिव्यक्त करने की आजादी होती है। http://youngflame.com/hindi-news/काश-हम-भी-पुरुष-होते/
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