डबवाली-स्थानीय संस्कृति प्रसार सभा (संप्रस) के संस्थापक राज कुमार शास्त्री ने आज रक्षा बन्धन के पावन पर्व पर सभा सदस्यों को बधाई देते हुए सभा के द्वितीय चरण कार्यक्रम 'व्यवस्था दर्शन के सन्दर्भ में बताया कि सभा अपने निर्धारित लक्ष्य को सम्भवत: 2011 से प्राप्त करना प्रारम्भ करेगी लेकिन इससे पूर्व सभा को किसी भी प्रकार के अहं व स्वार्थ के प्रदर्शन से मुक्त रखा जाऐगा ताकि सभा सदस्य ईश्वर नमित्त रह की केवल आदर्श के लिए कार्य करें। उन्होंने कहा कि आज का दौर शत-प्रतिशत परिणाम चाहता है तथा जब तक सभा सक्षम नहीं हो जाती तब तक कोई भी बड़ा कार्य अपने हाथ में नहीं लेगी। उन्होंने कहा कि सभा का सदस्यता अभियान प्रारम्भ है। अगर आपमें राष्ट्र के प्रति समर्पण की भावना, भक्त कबीर के शब्दानुसार अपने घर की परवाह न करते हुए समाज के उत्थान में कार्य करने की दृढ़ इच्छा शक्ति है तो आप भी सदस्यता ग्रहण कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि सभा द्वारा चलाए जाने वाले प्रत्येक प्रकल्प युवा केन्द्रित होंगे। क्योंकि किसी भी राष्ट्र की रीढ़ और धर्म के पुञ्ज युवा ही होते हैं। इसलिए युवाओं को नज़र अन्दाज नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि आज के भौतिकतावादी युग में अधिकांश युवा अपने उद्देश्य से भटक गए हैं। इसमें केवल उनका ही उनका दोष नहीं अपितु हम किसी न किसी मोर्चे पर युग के मुताबिक उन्हें सही मार्गदर्शन करने में विफल रहे हैं। सभा इस जिम्मेदारी को उठाते हुए युवाओं का सशक्त मार्गदर्शन करते हुए उन्हें सकारात्मक दिशा प्रदान करने का कार्य करेगी। उन्होंने कहा कि युवाओं में राष्ट्रभक्ति का संचार करने के लिए इतिहास के कटु सत्यों से भी अवगत करवाया जाऐगा। जिसके चलते हमें हजारों वर्षों की गुलामी झेलनी पड़ी।
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मंगलवार, 24 अगस्त 2010
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