डबवाली(डबवाली न्यूज़)हरियाणा सिक्ख गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी (तदर्थ) के अध्यक्ष दीदार सिंह नलवी ने कहा कि अलग एचएसजीपीसी हरियाणा के सिक्खों का संवैधानिक अधिकार है और वे इसे लेकर रहेंगे। हरियाणा में अलग गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी में हो रही देरी के पीछे कांग्रेस की साजिश करार देते हुए उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार प्रदेश के सिक्खों के खिलाफ फूट डालो राज करो की नीति का सहारा लेकर अपना उल्लू सीधा कर रही है। स्थानीय गुरूद्वारा श्री कलगीधर सिंह सभा में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंनेे कहा कि 11 वर्षों से उन्होंने इसका बीड़ा उठाया हुआ है। पंजाब रि ऑर्गेनाईजेशन एक्ट 1966 की धारा 72 के अंतर्गत एचएसजीपीसी के निर्माण को कानूनी मान्यता है। इसके बावजूद हरियाणा सरकार कोई कदम नहीं उठा रही। देश में पंजाब के बाद सिक्खों की सबसे ज्यादा गिनती हरियाणा प्रदेश में है। वर्तमान में प्रदेश 72 ऐतिहासिक गुरूद्वारा साहिब हैं। जिनकी आय 100 करोड़ से भी ज्यादा है तथा इसकी पुष्टी हरियाणा सरकार द्वारा बनाए गए च_ा कमीश्न ने भी की है। जबकि एसजीपीसी अपने बजट के दौरान हरियाणा के गुरूद्वारों से केवल 20 करोड़ रूपए की आय दिखाती है। हरियाणा के गुरूद्वारों की शेष आय 80 करोड़ कहा जा रही है। ये एक जांच का विषय है। उन्होंने कहा कि सिक्खों ने कुर्बानियां देकर 1925 में एक संस्था खड़ी की। लेकिन आज वही संस्था हरियाणा के सिक्खों का शोषण करने पर उतारू है। नलवी ने कहा कि एचएसजीपीसी (एडहॉक) को कानूनी तौर पर मान्यता होने के बावजूद भी पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने हरियाणा के गुरूद्वारों पर नजायज कब्जा किया हुआ है। बादल हरियाणा के 19 लाख सिक्खों की भावनाओं सेे खेल रहे हैं और अपनी राजनीतिक रोटियां सेंककर राजनीतिक पार्टियों को ब्लैकमेल कर रहे हैं। नलवी ने झींडा ग्रुप के लोगों द्वारा गुरूघरों पर कब्जे करने की नीति की निंदा करते हुए कहा कि इस तरह की नीतियों से गुरूद्वारों की बेअदबी होती है जो कि किसी भी कीमत पर नहीं होनी चाहिए। उन्होंने जगदीश सिंह झींडा पर सरकार की कठपुतली बनकर हरियाणा के सिक्खों के विरोध में काम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी लाल बत्ती की इच्छा ने प्रदेश के सिक्खों को कांग्रेस के पास गिरवी रख दिया है और कांग्रेस अपने फायदे के लिए उनका उपयोग कर रही है। असली व नकली गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रश्र के उत्तर में उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी अध्यक्षता वाली कमेटी ही असली गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी है। इसका रजिस्ट्रेशन भी उनके पास है और कार्यवाही रजिस्टर भी उनके पास है। जगदीश सिंह झींडा ने तो कभी सदस्यता शुल्क तक अदा नहीं किया। चुनावों की घोषणा के बाद पूरी जनता को पता चल जायेगा कि असली कमेटी कौन सी है। हरियाणा सरकार द्वारा गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी बनाने में अपनाई जा रही लालफीता शाही पर सरकार को कड़ा एतराज जताते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान जैसे मुस्लिम पंथक सरकारों वाले देशों के सिक्खों को अपने अधिकार मिले हुए हैं। लेकिन हरियाणा प्रदेश के सिक्ख अपने अधिकारों को प्राप्त करने के लिए संघर्षरत हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि सिख समुदाय जागृत होने के साथ साथ एकजुट हो रहा है और कांग्रेस को चुनाव में इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। इस अवसर पर जसवीर सिंह भाटी, हरबंस सिंह, सतपाल सिंह सत्ता, ज्ञानी करतार सिंह, सेवाननिवृत इंस्पेक्टर सुखराज सिंह, मक्खन सिंह पन्नीवाला, अमरजीत सिंह पन्नीवाला मोरिकां, ज्ञानी ज्ञान सिंह सहित अनेक सिक्ख श्रद्धालु उपस्थित थे।
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गुरुवार, 30 सितंबर 2010
अलग एचएसजीपीसी हरियाणा के सिक्खों का संवैधानिक अधिकार-- नलवी
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