डबवाली- अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन के स्थानीय महिला व पुरूष मजदूरों ने इकाई के प्रधान सुखदेव सिंह सकता खेड़ा के नेतृत्व में अपनी मांगों को लेकर बुधवार को बीडीपीओ कार्यालय के समक्ष हरियाणा सरकार व प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर धरना दिया। इस धरने में गांव डबवाली, अबूबशहर, सकता खेड़ा, भारूखेड़ा हैबूूआना व अन्य गांव के मनरेगा मजदूरों ने भारी संख्या में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। धरने पर बैठे अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन के हरियाणा प्रदेश के ट्रेसरर राज कुमार शेखूपुरिया, जिला प्रधान माला राम, सचिव नरेश कुमार, किसान सभा के जिला अध्यक्ष प्रह्लाद ङ्क्षसह भारू खेड़ा ने अपनी मांगों के बारे में बताया कि मनरेगा मजदूरों को सरकार द्वारा निर्धारित सौ दिन का रोजगार नहीं दिया जाता और न ही मजदूरों को समय पर मजदूरी का भुगतान किया जाता है। उन्होंने बताया कि स्थानीय अफसर अपनी मनमर्जी से रोजगार दे देते हैं किसी भी मजदूर को 100 दिन का रोजगार नहीं मिल पाता। जिससे मजदूरों को भूखों मरने की नौबत आ गई है। उन्होंने बताया कि मनरेगा के तहत अगर कोई मजदूर काम मांगने आता है तो उसकी अर्जी नहीं ली जाती। उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा गरीबी रेखा के नीचे आने वाले गरीबों को आवंटित किए गए प्लॉटों की रजिस्ट्रीयां तो दे दी हैं लेकिन प्लॉटों का अभी तक कब्जा नहीं दिया गया। उन्होंने सरकार से मांग की है कि मनरेगा के तहत मजदूरों को 100 दिन के रोजगार को 150 दिन किया जाए और दिन प्रति दिन बढ़ती मंहगाई को मद्देनज़र रखते हुए मजदूरी 179 रूपये से बढ़ाकर 200 रूपये की जाए। उन्होंने सरकार से यह भी मांग की है कि जो गांवों में विकास कार्य करवाया जाता है उनको भी मनरेगा के साथ जोड़ा जाए और महिलाओं के लिए अलग से रोजगार की सुविधा मुहैया करवाई जाए उन्होंने सरकार से मांग की है कि रोजगार गारन्टी कानून को सुचारू रूप में लागू किया जाए। उन्होंने हरियाणा सरकार को चेतावनी भरे लहजे में बोलते हुए कहा कि अगर हरियाणा सरकार ने उनकी मांगों का शीघ्र समाधान नहीं किया जाता तो 28 जनवरी को उपायुक्त कार्यालय में धरना दिया जाऐगा तथा उसके बाद 23 फरवरी को दिल्ली में भी घेराव किया जाऐगा।
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बुधवार, 12 जनवरी 2011
अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन ने बीडीपीओ कार्यालय के समक्ष हरियाणा सरकार व प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर धरना दिया
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