डबवाली- गांव सावंतखेड़ा में हत्यारोपी बोला सिंह उर्फ निक्का सिंह उर्फ गुरदीप सिंह के परिवार का बहिष्कार की घोषणा के बाद गांव में तनाव की स्थिति बनी हुई है। गांव वासियों के इस फरमान को लेकर सिक्ख समुदाय सकते में है। वे गांव वासियों के इस फरमान को न्याय संगत नहीं मानते दूसरी और गांव वासियों के इस कदम के बाद सुरक्षा के लिहाज से भारी संख्या में गांव में पुलिस फोर्स तैनात की गई है। थाना शहर डबवाली के प्रभारी बलवंत जस्सू, औढ़ा थाना प्रभारी हीरा लाल व कालांवाली थाना के प्रभारी विक्रम नेहरा व महिला पुलिस बल की टूकड़ी व दल बल के साथ दिन भर गांव सावंतखेड़ा में डटे रहे। इंडियन बहुजन संदेश पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष सरदार करनैल सिंह औढ़ा ने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ निक्का सिंह के घर पहुंचे व उन्होंने इस मौके पर पत्रकारों से बातचित करते हुए बहिष्कार के निर्णय को गलत ठहराया।
उन्होंने बताया कि कुछ लोग गांव के भाईचारे का माहौल खराब करना चाहते है। उन्होंने चेतावनी दी है कि मिर्चपुर कांड को दोहराने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसी भी जाति, समुदाय के बहिष्कार का अधिकार किसी के पास नहीं है। उन्होंने कहा कि वे इस मामले में शीघ्र ही पुलिस कप्तान से मुलाकात करेंगे और ये फरमान जारी करने व गांव का माहौल खराब करने वालों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने की मांग करेंगे।
उन्होंने आरोप लगाया कि हत्या के मामले में बोला उर्फ निक्का को फंसाया गया है। उन्होंने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए कहा कि अगर निक्का सिंह को न्याय नहीं मिला तो उन्हें मजबूरन आंदोलन चलाना पड़ेगा। इस मौके पर पार्टी के जिलाध्यक्ष बूटा सिंह, कालांवाली हलका प्रधान नछतर सिंह, हरदेव सिंह, मदन लाल, रामां सिंह, मक्खन सिंह, बलजिंद्र सिंह उपस्थित थे।
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थाना शहर डबवाली पुलिस द्वारा गांव सावंतखेड़ा में वृद्धा गुरदेव कौर की हत्या के मामले में गिरफ्तार किए गए युवक बोला सिंह उर्फ निक्का सिंह के परिजनों ने उसे निर्दोष करार देते हुए कहा है कि राजनीतिक रंजिश के तहत उसे फंसाया जा रहा है। निक्का सिंह के भाई जगसीर सिंह और बहन कर्मजीत कौर ने पत्रकारवार्ता में आरोप लगाया है कि गांव के ही एक व्यक्ति के इशारे पर पुलिस ने निक्का सिंह की बेरहमी से पिटाई की और जर्बदस्ती डंडे के जोर पर हत्या की बात कबूल करवाई। उन्होंने आरोप लगाया है कि वह न तो अजैब सिंह का सीरी है और न ही उसने कभी उनके यहां नौकरी की है। पुलिस इस मामले मेंं झूठी कहानी गढ़ रही है। उन्होंने गांव के सरपंच रणजीत सिंह पर कई आरोप लगाए है। उधर, इस मामले में गांव सरपंच रणजीत सिंह का कहना है कि उन्हें बलि का बकरा बनाया जा रहा है। पुलिस ने इस मामले की जांच की है और गांव वासियों ने अपने स्तर पर उनके परिवार के बहिष्कार का फैंसला लिया है।
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