डबवाली - आर्य विद्या मंदिर के सदस्यों में आपसी विवाद गहराता जा रहा है। विद्यालय की प्रबंधक कमेटी के चुनावों के लिए बुलाई गई चौथी चुनावी बैठक सदस्यों की आपसी खींचतान के कारण बिना किसी नतीजे के स्थगित हो गई। जिला शिक्षा व चुनाव अधिकारी ने बार-बार स्थगित हो रही चुनावी बैठकों के बाद विद्यालय में प्रशासक नियुक्त करने की सिफारिश शिक्षा निदेशालय को कर दी है।
तहसीलदार राजेंद्र सिंह और जिला शिक्षा अधिकारी कुमकुम ग्रोवर आर्य विद्या मंदिर के चुनाव करवाने के लिए विद्यालय परिसर पहुंचे, लेकिन आज की बैठक भी सदस्यों के हंगामे की भेंट चढ़ गई। विद्यालय पर पिछले 40 वर्षों से काबिज राम कृष्ण गुप्ता गुट विद्यालय के चुनाव उनके द्वारा जारी की गई सूचि द्वारा करवाने के लिए दबाव बनाये हुए है वहीं इसी विद्यालय के संस्थापक महाश्य हुकम चंद छाबड़ा के जेष्ठ पुत्र भारत मित्र छाबड़ा आर्य समाज से जुड़े लोगों को ही प्रबंध समिति में लिये जाने की वकालत कर रहे है। दोनों पक्षों में इस मुद्दे को लेकर जम कर बहस भी हुई लेकिन वे बेनतीजा रही।
बैठक में उपस्थित राधे राम गोदारा, डॉ. सीता राम, रणवीर सिंह राणा ने आरोप लगाया कि चुनाव अधिकारी सत्तारूढ़ दल के चुनावी एजेंट का कार्य कर रहे है। वहीं दूसरी और संतोष दुआ, डॉ. एन डी वधवा, सुरेश शर्मा एडवोकेट, सुदेश आर्य ने कहा कि विद्यालय की प्रबंध समिति के चुनाव संविधान के अनुसार ही होने चाहिए उन्होंने आरोप लगाया कि विद्यालय पर राम कृष्ण गुप्ता परिवार अपना कब्जा जमाना चाहता है इस कारण ही पिछले 40 वर्षों न तो संविधान के अनुसार चुनाव हुए है और नियम व कानूनों को दरकिनार कर अपने चहेते को इसका सदस्य दर्शाया कर आर्य समाज के अनुयायिओं को इससे दूर रखने की साजिश रची जा रही है।
उन्होंने प्रबंध समिति के चुनावों पर हो रही राजनीति पर ही अफसोस जताते हुए कहा कि राजनीतिज्ञों का कार्य समाज को जोडऩे का होना चाहिए न की तोडऩे का। इस मौके पर चुनाव अधिकारी व जिला शिक्षा अधिकारी कुमकुम ग्रोवर ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि प्रबंधक कई मौके देने के बाद ही उपयुक्त दस्तावेज उपलब्ध नहीं करवा पाये। उन्होंने बताया कि विद्यालय में हो रही अनियमितताओं की जानकारी और अपनी रिपोर्ट विद्यालय में प्रशासन नियुक्त करने की सिफारिश के साथ वे शिक्षा निदेशालय को भेजी जा रही है।
तहसीलदार राजेंद्र सिंह और जिला शिक्षा अधिकारी कुमकुम ग्रोवर आर्य विद्या मंदिर के चुनाव करवाने के लिए विद्यालय परिसर पहुंचे, लेकिन आज की बैठक भी सदस्यों के हंगामे की भेंट चढ़ गई। विद्यालय पर पिछले 40 वर्षों से काबिज राम कृष्ण गुप्ता गुट विद्यालय के चुनाव उनके द्वारा जारी की गई सूचि द्वारा करवाने के लिए दबाव बनाये हुए है वहीं इसी विद्यालय के संस्थापक महाश्य हुकम चंद छाबड़ा के जेष्ठ पुत्र भारत मित्र छाबड़ा आर्य समाज से जुड़े लोगों को ही प्रबंध समिति में लिये जाने की वकालत कर रहे है। दोनों पक्षों में इस मुद्दे को लेकर जम कर बहस भी हुई लेकिन वे बेनतीजा रही।
बैठक में उपस्थित राधे राम गोदारा, डॉ. सीता राम, रणवीर सिंह राणा ने आरोप लगाया कि चुनाव अधिकारी सत्तारूढ़ दल के चुनावी एजेंट का कार्य कर रहे है। वहीं दूसरी और संतोष दुआ, डॉ. एन डी वधवा, सुरेश शर्मा एडवोकेट, सुदेश आर्य ने कहा कि विद्यालय की प्रबंध समिति के चुनाव संविधान के अनुसार ही होने चाहिए उन्होंने आरोप लगाया कि विद्यालय पर राम कृष्ण गुप्ता परिवार अपना कब्जा जमाना चाहता है इस कारण ही पिछले 40 वर्षों न तो संविधान के अनुसार चुनाव हुए है और नियम व कानूनों को दरकिनार कर अपने चहेते को इसका सदस्य दर्शाया कर आर्य समाज के अनुयायिओं को इससे दूर रखने की साजिश रची जा रही है।
उन्होंने प्रबंध समिति के चुनावों पर हो रही राजनीति पर ही अफसोस जताते हुए कहा कि राजनीतिज्ञों का कार्य समाज को जोडऩे का होना चाहिए न की तोडऩे का। इस मौके पर चुनाव अधिकारी व जिला शिक्षा अधिकारी कुमकुम ग्रोवर ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि प्रबंधक कई मौके देने के बाद ही उपयुक्त दस्तावेज उपलब्ध नहीं करवा पाये। उन्होंने बताया कि विद्यालय में हो रही अनियमितताओं की जानकारी और अपनी रिपोर्ट विद्यालय में प्रशासन नियुक्त करने की सिफारिश के साथ वे शिक्षा निदेशालय को भेजी जा रही है।
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