डबवाली-- एक सप्ताह से चिलचिलाती धूप के कारण सड़कों पर दोपहर के समय सन्नाटा पसर जा रहा है। शहर का सबसे व्यस्त बाजार खाली-खाली दिखता है। इस दौरान गर्मी से राहत के लिए लोग नींबू और तरबूज का सेवन करते हैं जिससे इनकी बिक्री में जबरदस्त उछाल आया है। दिन प्रतिदिन अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस रहता है। गर्म हवाओं के थपेड़े से बचने के लिए सड़कों पर निकलने वाले इक्के-दुक्के लोगों ही होते है। मौसम पूर्वानुमान में बताया गया है कि आगामी तीन-चार दिन यह स्थिति यथावत बनी रहेगी। हालांकि, गत वर्ष अप्रैल माह की अपेक्षा अभी भी तापमान 4 डिग्री सेल्सियस कम है, लेकिन अभी से ही लोग गर्मी को लेकर हाय तौबा मचा रहे हैं। गत वर्ष 18 अप्रैल को 44.8 डिग्री सेल्सियस तक तापमान पहुंच गया था।
गर्मी बढऩे के साथ ही इससे राहत पहुंचाने वाली वस्तुओं की डिमांड भी बढ़ गई है। सब्जी मंडी में तरबूज बेचने वाले विकलांग हरमीत सिंह बब्बू के अनुसार इन दिनों तरबूज की बिक्री में खासा इजाफा हुआ है। उन्होंने बताया कि दिल्ली और यूपी से डबवाली मार्केट में तरबूज की सप्लाई हो रही है। उन्होंने बताया कि 15 से 20 रुपये प्रति किलो तरबूज का भाव चल रहा है, जबकि सेंचुली (दिखने में तरबूज की तरह ही होता है, लेकिन अंदर काफी लाल और मीठा होता है) पांच रुपये प्रति किलो तरबूज से महंगा बिक रहा है। नींबू के भाव में भी उछाल आया है। 80 रुपये किलो बिकने वाला नींबू सौ के पार बिक रहा है।
इसी तरह, गन्ने, फलों के जूस और लस्सी की बिक्री में भारी इजाफा हुआ है। शहर में जगह-जगह गन्ने का रस बिकते हुए आम देखा जा सकता है। इसके अलावा फलों के रस की बिक्री में भी काफी बढ़ी है। इतना ही नहीं, स्कूलों के सामने बर्फ के गोले भी काफी बिक रहे है, जिसे बच्चे काफी पसंद कर रहे हैं। लेकिन इन सभी खाद्य पदार्थों को खाते वक्त यह ध्यान रखे कि आज कल बाजार में ऐसे तरबूज भी उपलब्ध है जिन्हें टीके आदि लगाकर लाल व मीठा किया जाता है। जो कि शरीर के लिए हानिकारक है। वहीं दूसरी औरी लस्सी व जूस व बर्फ के गोले आदि में भी कैमिकल्स का प्रयोग किया जाने लगा है। अगर इन चीजों पर ध्यान न रखा गया तो हम अनजाने में ही बिमारियों को बुलावा दे सकते है।
गर्मी बढऩे के साथ ही इससे राहत पहुंचाने वाली वस्तुओं की डिमांड भी बढ़ गई है। सब्जी मंडी में तरबूज बेचने वाले विकलांग हरमीत सिंह बब्बू के अनुसार इन दिनों तरबूज की बिक्री में खासा इजाफा हुआ है। उन्होंने बताया कि दिल्ली और यूपी से डबवाली मार्केट में तरबूज की सप्लाई हो रही है। उन्होंने बताया कि 15 से 20 रुपये प्रति किलो तरबूज का भाव चल रहा है, जबकि सेंचुली (दिखने में तरबूज की तरह ही होता है, लेकिन अंदर काफी लाल और मीठा होता है) पांच रुपये प्रति किलो तरबूज से महंगा बिक रहा है। नींबू के भाव में भी उछाल आया है। 80 रुपये किलो बिकने वाला नींबू सौ के पार बिक रहा है।
इसी तरह, गन्ने, फलों के जूस और लस्सी की बिक्री में भारी इजाफा हुआ है। शहर में जगह-जगह गन्ने का रस बिकते हुए आम देखा जा सकता है। इसके अलावा फलों के रस की बिक्री में भी काफी बढ़ी है। इतना ही नहीं, स्कूलों के सामने बर्फ के गोले भी काफी बिक रहे है, जिसे बच्चे काफी पसंद कर रहे हैं। लेकिन इन सभी खाद्य पदार्थों को खाते वक्त यह ध्यान रखे कि आज कल बाजार में ऐसे तरबूज भी उपलब्ध है जिन्हें टीके आदि लगाकर लाल व मीठा किया जाता है। जो कि शरीर के लिए हानिकारक है। वहीं दूसरी औरी लस्सी व जूस व बर्फ के गोले आदि में भी कैमिकल्स का प्रयोग किया जाने लगा है। अगर इन चीजों पर ध्यान न रखा गया तो हम अनजाने में ही बिमारियों को बुलावा दे सकते है।
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