डबवाली न्यूज़ डेस्क
राज्य सूचना आयोग हरियाणा ने आरटीआई के एक मामले में सिरसा जिला के तमाम तहसीलदारों को नोटिस देकर आयोग में तलब किया है।तहसीलदारों को 12 नवंबर तक अपना जवाब दाखिल करने का समय दिया गया है और 24 मार्च 2021 को मामले की सूचना आयोग में सुनवाई होगी। राज्य सूचना आयुक्त जय सिंह बिश्नोई की ओर से यह नोटिस जारी किया गया है। आरटीआई एक्टिविस्ट पवन पारिक एडवोकेट की ओर से आरटीआई के मामले में सूचना आयोग में शिकायत दाखिल की थी, जिस पर संज्ञान लेते हुए आयोग ने नोटिस जारी किया है।पवन पारिक ने जिला राजस्व अधिकारी-सह-राज्य जनसूचना अधिकारी सिरसा से आरटीआई में कुछ जानकारी मांगी थी। सूचना जिला के तमाम तहसील कार्यालयों से संबंधित थी, इसलिए डीआरओ द्वारा तहसीलदार सिरसा, डबवाली, ऐलनाबाद, रानियां, नाथूसरी चौपटा, कालांवाली के अलावा उप तहसीलदार गोरीवाला को आरटीआई अग्र-प्रेषित की थी। मगर, आरटीआई का जवाब नहीं दिया गया, जिस पर सूचना आयोग में शिकायत की गई थी। सूचना आयोग ने शिकायत पर संज्ञान लेते हुए जिला राजस्व अधिकारी सिरसा, तहसीलदार सिरसा, डबवाली, ऐलनाबाद, रानियां, नाथूसरी चौपटा, कालांवाली तथा उप तहसीलदार गोरीवाला को नोटिस जारी किया है।
ये मांगी थी सूचना
पवन पारिक एडवोकेट ने डीआरओ कार्यालय से 8 जून 2020 को डिजिटल डिमार्केशन मशीनों के बारे में जानकारी मांगी थी। पूछा गया था कि विभाग द्वारा किन प्राइवेट फर्मों और आपरेटरों को इस कार्य के लिए प्राधिकृत किया है। डिजिटल डिमार्केशन करने वालों को जारी किए लाईसेंस की प्रति मांगी गई थी। इस बारे में सरकार द्वारा जारी हिदायतों व गाइडलाइंस के बारे में भी जानकारी मांगी थी। यह भी पूछा गया था कि बगैर विभागीय अनुमति के जिला में भूमि की डिमार्केशन करवाई जा सकती है अथवा नहीं। यह भी पूछा गया था कि पंजाब भू-राजस्व अधिनियम 1887 के प्रावधानों के तहत प्लॉट अथवा भूमि की निशानदेही पटवारी और कानूनगो से फीता या जरीब से करवाई जा सकती है। यह भी पूछा गया था कि क्या डिजिटल डिमार्केशन मशीन से पैमाइश करवाना अनिवार्य है। पैमाइश के लिए डिजिटल डिमार्केशन मशीनों के शुल्क बारे भी जानकारी मांगी गई थी। यह भी पूछा गया था कि पिछले 10 वर्षों में किन-किन पटवारियों व कानूनगो द्वारा फीता और जरीब कितनी निशानदेही की गई और कितनी डिजिटल डिमार्केशन मशीन से करवाई गई।
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