डबवाली न्यूज़ डेस्क
प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज द्वारा दिखाए गए कड़े तेवर का असर दिखाई देने लगा है। आबकारी एवं कराधान विभाग सिरसा में भी हरकत दिखाई दी है।वीरवार को विभागीय अधिकारियों की ओर से दो फर्मों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज करवाया गया है। हालांकि विभागीय अधिकारी पिछले एक साल से दो दर्जन से अधिक फर्मों के खिलाफ मामला दर्ज करवाने के आदेश पर कुंडली मारे हुए है। आबकारी एवं कराधान आयुक्त हरियाणा की ओर से नवंबर-2019 में कैथल व सिरसा की 46 फर्मों के खिलाफ मामला दर्ज करवाने के आदेश दिए गए थे। लेकिन इन फर्मों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। आबकारी एवं कराधान विभाग के ईटीओ विजेंद्र सिंह की ओर से शहर सिरसा थाना में बाबा इंडस्ट्रिज के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया है। शिकायत में बताया गया है कि उक्त फर्म का पता सुरखाब चौक पर इंडियन बैंक के निकट दर्शाया गया है। उक्त फर्म ने जीएसटी नंबर 06डीआईएपीके366आईक्यूआईजेडवी हासिल किया गया था। फर्म संचालक सिंकदरा कुमार पुत्र जगन्नाथ प्रसाद निवासी मीनापुर ने वर्ष 2018 में उक्त फर्म बनाई। फर्जी दस्तावेज से बनाई गई इस फर्म के माध्यम से टैक्स चोरी का खेल खेला गया। ईटीओ विजेंद्र सिंह की शिकायत पर शहर सिरसा पुलिस ने बाबा इंडस्ट्रिज के संचालक सिंकदरा के खिलाफ भादंसं की धारा 406, 419, 420, 465, 471 के तहत मामला दर्ज किया है। मामले की जांच का जिम्मा सहायक उपनिरीक्षक जगमीत सिंह को सौंपा गया है।
सिविल लाइन थाना में भी मामला दर्ज
सुरखाब चौक की भांति एक अन्य फर्म मै. एसपी इंटरप्राइजिज द्वारा हुडा चौक पर भगवती स्वीट्स के निकट अपना पता-ठिकाना बताया गया है। फर्म के संचालक सतपाल पुत्र शिवलाल निवासी सिकंदरपुर द्वारा टीन नंबर 061सीसीपीएस9267पीआईजेडएच हासिल किया गया। आबकारी एवं कराधान विभाग की ओर से सिविल लाइन थाना में दर्ज करवाई गई शिकायत में बताया गया कि फर्जी दस्तावेजों से उक्त फर्म बनाई गई है ताकि जीएसटी की चोरी की जा सकें। पुलिस ने शिकायत के आधार पर भादंसं की धारा 406, 419, 420, 465, 471 व सीजीएसटी एक्ट 2017 की धारा 132 के तहत मामला दर्ज किया है और जांच का जिम्मा सब इंस्पेक्टर राजेश कुमार को सौंपा है।
कब तक बचेंगे विभागीय अधिकारी?
आबकारी एवं कराधान विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों को आखिर कब तक बचाया जा सकेगा। कराधान आयुक्त हरियाणा की ओर से नवंबर-2019 में तत्कालीन ईटीओ डीपी बैनीवाल, ईटीओ अनिल मलिक, ईटीओ अशोक सुखीजा, एईटीओ ओपीएस अहलावत, टीआई हनुमान सैनी, ईटीओ मालाराम के खिलाफ मामला दर्ज करवाने के आदेश दिए थे। डीईटीसी सिरसा को पुलिस में मामले दर्ज करवाने थे लेकिन 11 माह से अधिक का समय बीत जाने पर भी विभाग के इन अधिकारियों के खिलाफ मामले दर्ज नहीं करवाए गए। सवाल यह है कि आखिर इन अधिकारियों को कौन बचा रहा है, और क्यों बचा रहा है, उसका क्या हित है और कब तक बचा पाएगा?
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