डबवाली न्यूज़ डेस्क
नगर परिषद की कार्यशैली में सुधार की अपेक्षा की जा रही थी। उम्मीद थी कि सिरसा शहर को विभिन्न समस्याओं से छुटकारा मिलेगा। लेकिन नगर परिषद की कार्यशैली की वजह से समस्याएं जस की तस बनी हुई है। पूरा शहर अतिक्रमण से अटा हुआ है, लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है लेकिन नगर परिषद के अभियान केवल चंद बाजारों तक ही सिमटे हुए है। इसी वजह से नगर परिषद की कार्रवाई कटघरे में है? आखिर क्यों नगर परिषद के अधिकारियों को अन्य स्थानों पर हुए अतिक्रमण दिखाई नहीं देते? दरअसल, नगर परिषद द्वारा पुरानी परिपाटी के अनुसार हिसारिया बाजार, रोड़ी बाजार, सदर बाजार, चांदनी चौक, रानियां बाजार में ही आए दिन अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जाता है। घूम फिरकर इन्हीं बाजारों में सामान जब्ती करना, नोटिस थमाना, वीडियोग्राफी करवाई जाती है। जबकि शहरभर में अतिक्रमण दिखाई नहीं देता? परिषद अधिकारियों का यह दोहरा रवैया अनेक सवाल खड़े करता है? आखिर यह नौटंकी कब तक चलेगी? माना भीड़भाड़ वाले बाजारों में अतिक्रमण हटाओ अभियान की नितांत आवश्यकता है और यह प्राथमिकता में शुमार है। तब सवाल यह है कि आखिर गली बाम्बे वाली, गली पीएनबी वाली, मोहता मार्केट में यह अभियान क्यों नहीं चलाया जाता? गली बाम्बे वाली में तो दोनों ओर 10-10 फुट तक अतिक्रमण बना हुआ है? मोहता मार्केट में तो दुकानदारों ने सारा सामान ही बाहर रखा हुआ है, पैदल चलने के लिए भी जगह नहीं है? सवाल अनेक है, जिनका नगर परिषद को जवाब देना होगा?
अतिक्रमण हटाने में सहयोग करें व्यापारी
अतिक्रमण की वजह से किसी भी शहर की सूरत बिगड़ती है और उसकी छवि भी खराब होती है। दूसरे शहर से आने वाले लोग सिरसा की बदहाली की छवि लेकर जाते है। यदि बाजार अतिक्रमण मुक्त होंगे तो दूसरे भी इससे प्रेरित होंगे। ऐसे में व्यापारियों को स्वयं पहल करनी चाहिए। उन्हें अपनी दुकानों के भीतर ही सामान रखना चाहिए। ग्राहक को जरूरत है तो वह दुकान के भीतर आकर सामान खरीदेगा। एक दूसरे की होड़ में सामान बाहर रखकर अतिक्रमण करना सरासर अनुचित है। यही वजह है कि प्रशासन की ओर से जब-तब सामान जब्त कर लिया जाता है, नोटिस थमाए जाते है। व्यापारियों को यह समझना होगा कि अतिक्रमण मुक्त शहर में उनकी भागीदारी आवश्यक है।
क्यों नहीं दिखाई देता डबवाली रोड का अतिक्रमण?
शहर के बीचोंबीच से निकलने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-9 ही अतिक्रमण की जद में है। रात्रि के समय हवाई पट्टी की भांति खुला-खुला नजर आने वाला यह मार्ग दिन में तंग गली में परिवर्तित हो जाता है। सड़क के दोनों ओर 10-10 फुट से अधिक कब्जा हो जाता है। सांगवान चौक से लेकर अरोड़वंश चौक तक सड़क की बदहाली नगर परिषद के अधिकारियों को दिखाई नहीं देती? इस मार्ग के दोनों ओर अस्पतालों के बाहर जनरेटर व अन्य सामान रखकर स्थायी कब्जा किया गया है। कुछेक ने तो सड़क की जगह पर रेलिंग लगाई हुई है। अनेक अस्पतालों के बाहर तो स्टॉफ की पार्किंग बनाई हुई। जबकि एम्बुलेंस बीच सड़क में ही रूकती है। इसी मार्ग पर कई बैंक है, जिनके बाहर वाहनों का मेला लगा रहता है। यहां पर हर समय जाम की स्थिति रहती है। डबवाली रोड पर ही अनेक शोरूम है, जिनकी ओर से बकायदा टैंट लगाकर अतिक्रमण किया हुआ है। अनेक ने तो शोरूम से अधिक वाहन सड़क पर खड़े किए है। होटल वालों ने सड़क की जगह पर जरनेटर रखे हुए है। सवाल यह है कि डबवाली रोड पर कभी अतिक्रमण हटाओ अभियान इसलिए नहीं चलाया जाता कि यहां पर सभी प्रभावशाली लोग रहते है? क्यों सड़क पर अतिक्रमण करने वालों का सामान जब्त नहीं किया जाता? क्या डबवाली रोड शहर में नहीं आती? जबकि इस मार्ग पर बसों व अन्य वाहनों को रेंगने के लिए मजबूर होना पड़ता है।
अभियान को चिढ़ा रहा जनता भवन रोड
अतिक्रमण हटाओ अभियान को जनता भवन रोड चिढ़ा रही है। शहीद जगदेव सिंह चौक से (रोड़ी गेट) से लेकर अरोड़वंश चौक तक के इस मार्ग पर सड़क के दोनों ओर अतिक्रमण ही अतिक्रमण दिखाई देता है। चौक से शुरू होकर सड़क के आखिर तक दुकानदारों द्वारा किए गए अवैध कब्जे से नजर नहीं हटती। मगर, नगर परिषद के अधिकारियों को शायद ही यह दिखाई देते है? यहां दुकान से अधिक सामान सड़क पर रखा गया है। इसी मार्ग पर दुकानदारों के स्थायी कब्जे भी देखे जा सकते है। सड़क पर रेता-बजरी के टीले देखे जा सकते है, कृषि उपकरणों से किया गया अतिक्रमण देखा जा सकता है। लोहा, एंगल-पत्ती, सरिया सड़क पर बिखरा देखा जा सकता है। लेकिन इसके लिए नगर परिषद के अधिकारियों को आंखें खोलकर रखनी होगी?
अछूता नहीं बरनाला रोड
शहर के वीआइपी एरिया में शुमार बरनाला रोड भी अतिक्रमण से अछूता नहीं है। बस स्टेंड से लेकर बाबा भूमण शाह चौक तक के एरिया में सड़क के दोनों ओर दुकानदारों ने सामान रखकर अतिक्रमण किया हुआ है। इस मार्ग पर सायं के समय पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है। दुकानदारों द्वारा कई-कई फुट तक सामान रखा जाता है, फिर ग्राहकों के वाहन खड़े हो जाते है। ऐसे में यह मार्ग तंग गली बन जाता है। बाल भवन की दुकानें ही अतिक्रमण को हवा दे रही है।
सुरखाब चौक से भगवान परशुराम चौक की भी यहीं स्थिति
शहर के बीचोंबीच स्थित सुरखाब चौक से भगवान परशुराम चौक को जाने वाला मार्ग बेहद चौड़ा है। नोहर, भादरा, जमाल, बेगू व डेरा की ओर जाने वाला यह मार्ग हर समय जाम से जूझता है। चूंकि इस मार्ग के दोनों ओर कई दुकानदारों ने 20-20 फुट तक कब्जे जमाए हुए है। लोहे की पाईपें इत्यादि सड़क पर रखे गए है तो किसी ने सड़क की जगह पर ही जनरेटर रखा हुआ है। कुछेक द्वारा तो सड़क की जगह को बपौती बनाया हुआ है और वहां पर बेरिकेड्स लगाए हुए है। मगर, नगर परिषद को कुछ दिखाई नहीं देता?
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