

: प्रदेश में बागी उम्मीदवारों के तौर पर चुनाव लड़ रहे नेताओं पर नकेल नहीं डाली जा सकी है। नाम वापसी के अंतिम दिन कांग्रेस के सिर्फ छह बागी उम्मीदवारों ने अपने पर्चे वापस लिए। चुनाव में बागियों के ताल ठोंकने से जहां पार्टी के घोषित उम्मीदवारों की मुश्किलें बढ़ गई हैं, वहीं मुकाबला भी रोचक हो गया है। प्रदेश की करीब दो दर्जन सीटों पर बागी उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। ज्यादातर बागी कांग्रेस में हैं। दो दिन पहले मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने इन बागियों को मना लिए जाने का भरोसा जताया था। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव एवं पर्यवेक्षक विपल्व ठाकुर को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई, मगर नाम वापसी के अंतिम दिन तक कांग्रेस नेताओं के बागियों को मनाने के तमाम प्रयास विफल हो गए हैं। कांग्रेस के बाद सबसे ज्यादा बगावत हजकां में हैं। बाकी दल भी बागियों से परेशान नहीं हैं। गन्नौर में कांग्रेस के प्रांतीय कार्यकारी प्रधान कुलदीप शर्मा के मुकाबले वेद मलिक ने नाम वापस ले लिया है। वेद मलिक के चुनाव लड़ने से कुलदीप शर्मा की दिक्कतें बढ़ गई थी। हांसी में प्रो. छतरपाल के मुकाबले चुनाव लड़ने वाले अमीर चंद मक्कड़ को भी मना लिया गया है। सत्यबाला मलिक ने भी यहां से पर्चा वापस लेने की घोषणा कर दी है। पंचकूला में कांग्रेस प्रत्याशी डीके बंसल के खिलाफ हजकां उम्मीदवार के तौर पर कांग्रेस के बागी शशि शर्मा मैदान में हैं। कालका में कांग्रेस के सतविंद्र राणा के खिलाफ पूर्व मंत्री लक्ष्मण सिंह के पुत्र भगत सिंह ने अपना नाम वापस नहीं लिया है। वह आजाद उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा के कालका दौरे के बावजूद भगत सिंह ने कांग्रेसियों की नहीं मानी। महम में पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस प्रत्याशी आनंद सिंह डांगी के खिलाफ शमशेर सिंह चुनाव मैदान से हटने को तैयार नहीं हुए हैं। शमशेर सिंह पंचायती उम्मीदवार बताए जाते हैं। साढ़े चार साल पहले तक उन्हें कांग्रेसी माना जाता था, लेकिन टिकट बंटवारे के समय कांग्रेस के प्रति उनकी निष्ठाओं पर सवाल खड़े हो गए हैं। लोहारू में कांग्रेस उम्मीदवार सोमवीर सिंह के खिलाफ जेपी दलाल चुनाव मैदान में डटे हुए हैं। दलाल किरण चौधरी के करीबी माने जाते हैं। बेरी में विधानसभा अध्यक्ष रघुबीर कादियान के खिलाफ चतर सिंह बागी प्रत्याशी के रूप में डटे हुए हैं। बादली में पूर्व विधायक एवं कांग्रेस उम्मीदवार नरेश शर्मा के विरुद्ध पूर्व डिप्टी स्पीकर मनफूल सिंह के पुत्र बिजेंद्र चाहर ने मोर्चा खोल दिया है। लाडवा में पूर्व सांसद एवं कांग्रेस प्रत्याशी प्रो. कैलाशो सैनी के खिलाफ पवन गर्ग नाम वापस लेने को राजी नहीं हुए। थानेसर में पूर्व विधायक रमेश गुप्ता के खिलाफ सुभाष सुधा ने मोर्चा खोला हुआ है। उन्हें मनाने की अंतिम समय तक कोशिशें की गई, मगर सुधा ने नाम वापस लेने से इनकार कर दिया है। फिरोजपुर झिरका में डिप्टी स्पीकर आजाद मोहम्मद की धर्मपत्नी फरीदा बेगम ने ऐन वक्त पर अपना नाम वापस ले लिया। फरीदा कांग्रेस प्रत्याशी इंजीनियर मामन खान के खिलाफ फरीदा चुनाव लड़ रही थी। थानेसर में हजकां उम्मीदवार बलकार सिंह के खिलाफ बागी नेता पूर्व मंत्री देवेंद्र शर्मा बसपा प्रत्याशी के रूप में ताल ठोंके हुए हैं। असंध हलके में हजकां के पंडित जिले राम शर्मा के खिलाफ बागी नेता यशपाल राणा एडवोकेट ने पंचायती उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है। करनाल में कांग्रेस के बागी पूर्व मंत्री जयप्रकाश गुप्ता को जब हजकां का टिकट मिला तो हजकां के बागी स. बलविंद्र कालड़ा ने बसपा उम्मीदवार के रूप में ताल ठोंक दी। लाडवा में इनेलो उम्मीदवार शेर सिंह बड़शामी को टिकट देने के खिलाफ पार्टी नेता मेवा सिंह भाजपा टिकट पर चुनाव मैदान में उतर चुके हैं। डबवाली में कांग्रेस उम्मीदवार डा. केवी सिंह के खिलाफ बागी उम्मीदवार रवि चौटाला अभी भी मैदान में डटे हुए हैं। सिरसा में कांग्रेस प्रत्याशी लक्ष्मण दास अरोड़ा के खिलाफ नवीन केडि़या चुनाव मैदान से हट गए हैं। घरौंडा में कांग्रेस प्रत्याशी वीरेंद्र राठौर के विरुद्ध कृष्ण शर्मा बसताड़ा ने आजाद उम्मीदवार के रूप में चुनाव की ताल ठोंकी हैं। गोहाना हलके में कांग्रेस उम्मीदवार जगबीर मलिक के खिलाफ पूर्व विधायक किताब सिंह मलिक ने चुनाव लड़ने का एलान किया है। बेहद कोशिशों के बाद भी किताब सिंह का नाम वापस नहीं कराया जा सका। फतेहाबाद में कांग्रेस के दूड़ा राम के खिलाफ प्रहलाद सिंह गिलाखेड़ा नाम वापस लेने को राजी नहीं हो पाए हैं। रतिया में कांग्रेस के जरनैल सिंह के खिलाफ पूर्व सांसद आत्मा सिंह गिल के पुत्र गुरदीप सिंह गिल चुनाव मैदान में डटे हुए हैं। गुड़गांव में इनेलो प्रत्याशी एमआर शर्मा के खिलाफ आजाद प्रत्याशी के रूप में सुखबीर कटारिया नाम वापस लेने को तैयार नहीं हुए। असंध में कांग्रेस के रमेश चौधरी के खिलाफ बागी रघुबीर सिंह विर्क ने ताल ठोंकी हैं। सिरसा में कांग्रेस उम्मीदवार लक्ष्मण अरोड़ा के खिलाफ चुनाव मैदान में डटे बचन सिंह बजाज ने अपना नाम वापस ले लिया है। उनके भाई सुभाष चंद भी चुनाव मैदान से पीछे हट गए हैं। बरवाला में हजकां उम्मीदवार सुभाष टांक के खिलाफ अनंत सिंह बरवाला और भाजपा उम्मीदवार जितेंद्र जोग के खिलाफ जोगी राम सिहाग पूरी तरह से चुनाव मैदान में डटे हुए हैं। तोशाम में कांग्रेस प्रत्याशी किरण चौधरी के खिलाफ पूर्व मुख्य संसदीय सचिव धर्मबीर के भाई राजबीर लाला ने अपना नामांकन वापस ले लिया है। भिवानी में पूर्व विधायक कांग्रेस के डा. शिवशंकर के खिलाफ जिला महासचिव परमजीत मड्डू मैदान में बरकरार हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें