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बुधवार, 30 सितंबर 2009

जजर्र हुआ शहीदे आजम का पैतृक घर


( डॉ सुखपाल सावंत खेडा)- शहीद भगत सिंह नगर (नवांशहर) भले ही खटकड़कलां में स्थित शहीद-ए-आजम भगत सिंह के पैतृक घर को सरकार की ओर से सुरक्षित स्मारक घोषित किया गया है लेकिन घर के आगे की दीवारों की जर्जर हालत व अंदर पड़े लकड़ी के सामान को लगी दीमक घर को सुरक्षित नहीं बता रही। यदि समय रहते इस ऐतिहासिक विरासत को संभाला नहीं गया तो इसकी हालत और भी जर्जर हो सकती है। करीब 100 साल पहले नानकशाही ईटों से बने शहीद के घर को शीघ्र रिपेयर व ट्रीटमेंट की जरूरत है। घर की दयनीय हालत को देखकर स्तब्ध हुए शहीद भगत सिंह के भतीजे अभय सिंह संधू ने बताया कि प्रत्येक वर्ष 23 मार्च को शहीद भगत सिंह के शहीदी दिवस पर घर की सफाई व सफेदी करवाई जाती है। परन्तु इस साल 23 मार्च को सफेदी नहीं करवाई गई। जिस कारण बरसात के सीजन में घर की दीवारों की हालत ज्यादा खराब हो गई। उन्होंने कहा कि जब पिछले वर्ष 23 मार्च को उन्होंने केंद्र व राज्य सरकार से सफेदी न करवाने संबंधी बात की तो उन्हें जवाब मिला कि देश में लोक सभा चुनाव होने के कारण कोड-आफ-कंडक्ट लगा हुआ है। जिस कारण इस बार सफेदी नहीं हो सकती। अभय सिंह संधू ने सवाल करते हुए कहा कि क्या शहीदों के स्मारकों पर भी कोड-आफ-कंडक्ट लगता है? अभय सिंह संधू ने बताया कि शहीद के पैतृक घर के अंदर लकड़ी की अलमारियों को दीमक लग चुका है तथा अंदर की दीवारें भी सफेदी न होने के कारण खराब हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि नानकशाही ईटों की दीवारें अपना मूल स्वरूप खो रहीं हैं। अभय सिंह संधू ने कहा कि सरकारों की ओर से फंड तो जारी किए जाते हैं परन्तु उनका सही उपयोग नहीं होता। उन्होंने केंद्र व राज्य सरकार से मांग की कि गांव खटकड़कलां में 17 करोड़ रुपए की लागत से जो म्यूजियम व भगत सिंह की यादगार बनाई जा रही है उसे किसी निष्पक्ष एजेंसी द्वारा बनाया जाए। उन्होंने कहा कि शहीद भगत सिंह की याद को ताजा रखने के लिए पिछले वर्ष उनकी जन्मशताब्दी समारोह में सरकार द्वारा पांच व सौ रुपये के जो सिक्के

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