
( डॉ सुखपाल सावंत खेडा)- हरियाणा में सत्ता संग्राम के लिए गठबंधनों के बनने-बिगड़ने के बीच शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। शिअद के हरियाणा विधानसभा चुनाव में कूदने की औपचारिक घोषणा पार्टी अध्यक्ष एवं पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने शनिवार को की। शिअद इनेलो के साथ मिलकर अपने चुनावी चिन्ह तराजू पर अंबाला (शहर) और सिरसा जिले में पंजाब की सीमा से सटे कालांवाली (आरक्षित) विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेगा। इसके लिए उम्मीदवारों की घोषणा एक-दो दिन में की जाएगी। शिअद के सचिव, प्रवक्ता एवं मुख्यमंत्री के सलाहकार डा. दलजीत सिंह चीमा के अनुसार शिअद द्वारा हरियाणा में उक्त दोनों सीटों पर अपने उम्मीदवारों को तराजू चुनाव चिन्ह अलाट किए जाने के लिए देश के मुख्य चुनाव आयोग को आवेदन भेज दिया गया है। डा. चीमा ने बताया कि इन चुनावों में प्रचार के लिए पार्टी के सभी नेताओं की योजनाबद्ध ड्यूटी लगाई जाएगी और चुनावों को पूरी योजनाबद्ध ढंग से लड़ा जाएगा। उन्होंने बताया कि नामांकन पत्र की अंतिम 25 सितंबर के बाद सभी नेताओं को प्रचार अभियान में अपनी अपनी ड्यूटी पर जुट जाने के आदेश दिए जा रहे हैं। शिरोमणि अकाली दल हरियाणा प्रदेश के नेताओं एवं वर्करों में शिअद की इस घोषणा ने भारी उत्साह भर दिया है। शुक्रवार को अकाली दल की हरियाणा इकाई के प्रदेश अध्यक्ष जोगिंदर सिंह अहरवां के नेतृत्व में एक दर्जन से ज्यादा अकाली नेताओं ने हरियाणा में चुनाव लड़ने की मांग पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के सामने रखी थी। इस पर सुखबीर सिंह बादल ने एक-दो दिन में निर्णय लेने का आश्वासन दिया था। अंतरराज्यीय राजनीतिक दल बना शिअद : इसके साथ ही शिरोमणि अकाली दल भी पंजाब से निकलकर देश के अन्य प्रदेशों में विधानसभा चुनाव लड़ने वाला दल बन गया है। हरियाणा से पहले शिअद ने दिल्ली विधानसभा में भाजपा के साथ मिलकर चार सीटें लड़ी थी, जिनमें से एक तराजू के चुनाव चिह्न पर था। तराजू के चुनाव चिन्ह पर लड़ने वाला अकाली उम्मीदवार अवतार सिंह हित ही एकमात्र उम्मीदवार था जो सबसे कम वोटों से कांग्रेस से मामूली चुनाव हार गया था।
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