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शुक्रवार, 9 अक्टूबर 2009
भिखारियों का कुंभ जुटेगा महाकुंभ में
हरिद्वार महाकुंभ की तैयारियों में लगे मेला प्रशासन के लिए भिखारी मुसीबत बने हुए हैं। पुलिस प्रशासन जहां महाकुंभ मेला क्षेत्र को भिखारी मुक्त करने की योजना बना रहा है वहीं सेक्टर व जोन में बंटने वाले इस क्षेत्र की तर्ज पर भिखारी भी व्यवस्थित होने की तैयारी में हैं। इनमें बांग्लादेशी भिखारी भी प्रशासन के लिए चिंता का सबब बने हुए हैं। इन भिखारियों में किसी के हिस्से में हरकी पैड़ी है, तो कोई पंतद्वीप, मंसा देवी, चंडी देवी मंदिरों के बाहर कटोरे पकड़े हुए है। मेला क्षेत्र के लिए भिखारियों की भी व्यवस्थाओं में बड़े बदलाव होने तय हैं। दिल्ली, यूपी, बिहार, प. बंगाल व उड़ीसा से इन दिनों पहुंचे भिखारी इसके लिए बाकायदा कार्ययोजना तैयार कर रहे हैं। महाकंुभ शुरू होने से कुछ दिन पहले इनके कुनबे व संगी साथी भी यहां पहुंचेंगे। वे अपने-अपने इलाकों में बंट जाएंगे। भिखारियों के इन जत्थों में पांच वर्ष के बच्चों से लेकर 70 साल के बूढ़े तक शामिल रहते हैं। ये सभी अपनी उम्र व शारीरिक बनावट आदि के अनुसार भीख मांगने के तरीके अपनाते हैं। पिछली बार अर्द्धकुंभ में भी भिखारियों को मेला क्षेत्र से हटाने की योजना धरी की धरी रह गई थी। श्रद्धालुओं को डरा धमकाकर दान पुण्य करने को मजबूर करना भी भीख मांगने का एक तरीका है। चार-पांच साल से हरिद्वार में बांग्लादेशी भिखारियों की तादाद बढ़ती जा रही है। हालांकि पुलिस के पास इनका कोई रिकार्ड नहीं है। कनखल, पंतद्वीप, गंगनहर पटरी पर अनेक जगहों पर बांग्लादेश भिखारी झुग्गी झोपडि़यां डालकर रह रहे हैं। डीआईजी कुंभ मेला आलोक कुमार के मुताबिक एक जनवरी, 2010 से भिखारियों को मेला क्षेत्र से हटाकर रोशनाबाद स्थित भिक्षुकगृह में रखा जाएगा।
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