Young Flame Headline Animator
रविवार, 11 अक्टूबर 2009
नेता जी की सवारी, समर्थकों को खूब भा रही
नवीन भाई दो दिन मौज लेने के और बचे हैं। फिर हार जीत के बाद ये प्रत्याशी बात नहीं करेंगे। वह अपनी बात पूरी नहीं कर पाया था कि उसके साथी ने कहा कि शुक्रवार को तो बाइक में 200 रुपये का तेल ही डलवाया था। ऊपर का खर्चा भी नहीं मिला। इस बाबा (उम्मीदवार को संबोधित करते हुए) की ऐसे कैसे नैया पार लगेगी। यार छोड़ तुम पिछले कई दिनों से बाबा को चूना लगा रहे हो। यह अच्छी बात नहीं। जिसका नमक खाओ, उसके लिए कुछ काम भी करो। यह बात चल रही थी कि तीसरा व्यक्ति वहां पर आ टपकता है। इस दौरान दोनों महारथी प्रत्याशियों को चूना लगाने निकल पड़े। कुछ ऐसा ही हो रहा है चुनाव के मौसम में। नेताओं के साथ घूमने वाले समर्थक उसे वोट दें या न दें, उससे माल ऐंठने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। क्षेत्र में कई प्रत्याशियों ने प्रचार के लिए मोटरसाइकिलों पर कुछ लोगों को लगाया हुआ है। इन सभी की बाइक में 200 रुपये का तेल डलवाया जाता है। इसके अलावा उन्हें खाने के लिए अलग से राशि दी जा रही है। इन लोगों का काम झंडा लगाकर प्रत्याशी के समर्थन में नारे लगाने होते हैं। ये लोग समूहों में जाकर क्षेत्र में नेता जी का प्रचार करते हैं। यह बात अलग है कि कुछ युवक बाइक में तेल डलवाकर व जेब खर्च लेकर थोड़ी दूर ग्रुप के साथ चलकर रिश्तेदारी में या अपने घर भाग जाते हैं। हालांकि, कुछ उम्मीदवारों को इस बारे में पता भी चल गया है, लेकिन कुछ बोल नहीं रहे। वे समझ रहे हैं कि इस समय टोकाटाकी काम खराब कर सकती है। इसलिए नेताजी चुप हैं। कार में प्रचार करने वाले समर्थक बाइक वालों से दो कदम आगे निकल गए हैं। उम्मीदवारों की तरफ से एक वाहन के लिए 500 रुपये तेल और करीब एक हजार रुपये किराया मिलता है। गांवों से आने वाले ये समर्थक सुबह चुनाव कार्यालय आते हैं। फिर नेता जी से नोट झटक लेते हैं और वापस अपने घरों या रिश्तेदारों के यहां चले जाते हैं। हालांकि, कुछ समर्थक ऐसे भी हैं जो वाकई पैसों का सदुपयोग कर रहे हैं। वे नेता जी के लिए जी-जान से जुटे हुए हैं। दिन भर घूमते हैं और उनके समर्थन में जमकर नारे लगाते हैं। नेता जी को भी ऐसे समर्थकों पर पूरा भरोसा है। खैर, चुनाव प्रचार तो रविवार को खत्म हो जाएगा। फिर नेताओं को चूसने वाले समर्थक क्या करेंगे, उनकी सुबह कैसे शुरू होगी, इस बारे में वे अभी से सोचने लगे हैं।
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें