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रविवार, 4 अक्टूबर 2009
दूसरे दौर में शह-मात का घमासान हुआ तेज
( डॉ सुखपाल सावंत खेडा)-
ग्यारहवीं विधानसभा के लिए बिछाई गई चुनावी बिसात में शह-मात का दूसरा दौर आरंभ हो चुका है। इनेलो सुप्रीमो का गृहक्षेत्र होने के कारण यहां न केवल आम लोगों की नजर टिकी हुई है बल्कि सत्ताधारी दल कांग्रेस के आलाकमान भी प्रतिपक्ष को घर में घेरने की पुरजोर कोशिश में है। शायद यही वजह है कि चुनावी शतरंज में कांग्रेस ने अपनी रानी अर्थात पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को यहां आगे कर दिया है। 4 अक्टूबर को आयोजित होने वाली सिरसा की विशाल रैली में सोनिया गांधी के साथ-साथ पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं के पहुंचने की संभावना बनी हुई है। इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला का गृहक्षेत्र होने के कारण कांग्रेस आलाकमान इस चुनाव में उन्हें घर में ही घेरने की जुगत में है। यही वजह है कि जहां लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी ने जनसभा को संबोधित किया था वहीं इस विधानसभा चुनाव में खुद सोनिया गांधी पहुंच रही हैं। चुनावी विश्लेषकों की मानें तो यह कांग्रेस की सधी हुई चाल है और पार्टी इस चुनाव में सिरसा जिले में इनेलो को पछाड़ने के लिए कोई कसर नहीं रखना चाहती है। 4 अक्टूबर को आयोजित होने वाली कांग्रेस की सिरसा रैली में सोनिया गांधी के साथ पार्टी के प्रदेश प्रभारी पृथ्वीराज चव्हाण, मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष फूलचंद मुलाना, चुनावी घोषणापत्र कमेटी के चेयरमैन व सांसद डा. रामप्रकाश सहित अनेक पार्टी नेता शिरकत करेंगे। डा. रामप्रकाश के अनुसार राज्यसभा सदस्य हनुमंत राव भी इसमें आ सकते हैं। दरअसल, कांग्रेस इस रैली के माध्यम से न केवल इनेलो को घर में घेरने की जुगत कर रही है बल्कि सोनिया गांधी को सिरसा बुलाकर एक तीर से कई निशाने भी साधना चाहती है। सच तो यह है कि टिकट वितरण के उपरांत पार्टी में उपजे आक्रोश पर पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के आगमन से शीतल जल का फुहारा दिया जाएगा। सिरसा व डबवाली जैसी महत्वपूर्ण विधानसभा सीट से टिकट नहीं पाने वाले कुछ लोगों ने बगावत का झंडा उठाया था। हालांकि डबवाली में यह बगावत आज भी जारी है। संभव है कि सोनिया गांधी के आगमन से पार्टी कार्यकर्ताओं के मनोबल को ऊंचा उठाने में मदद मिले।
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