
नई दिल्ली. अंधेरे में हेलीकॉप्टर उतरवाने पर क्रांग्रेस महासचिव राहुल गांधी मामले में अब एक नया पेंच आ गया है। हेलीकॉप्टर को अंधेरे में उतारने वाले पायलट को आज सजा भुगतनी पड़ी है। सजा यह मिली है कि कंपनी ने पायलट को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। यह हेलीकॉप्टर पवनहंस कंपनी का था।
गौरतलब है राहुल गांधी ने स्पष्ट किया कि हेलीकाप्टर उतारे जाने के समय पर्याप्त रोशनी थी और पूरी प्रक्रिया का पालन किया गया था। जिसके बाद पूरे दिन गांधी सुर्खियों में बने रहे। यूपी सरकार को सफाई देते हुए राहुल गांधी ने कहा थी कि उन्होंने किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं किया है। जिसके बाद सीतापुर जिला प्रशासन ने उत्तर प्रदेश सरकार को आज भेजी अपनी रिपोर्ट में कहा कि कल शाम कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी का हेलीकाप्टर सूर्यास्त के बाद उतरा था जो सुरक्षा नियमों की कड़ी अवहेलना है।
जिलाधिकारी संजीव कुमार ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि सूर्यास्त पांच बजकर 13 मिनट पर हो चुका था जबकि श्री गांधी का हेलीकाप्टर पांच बजकर 30 मिनट पर उतरा। उन्होंने कहा कि हेलीकाप्टर बने एच निशान पर नहीं बल्कि उसके बगल में उतारा गया।
श्री गांधी कांग्रेस कार्यकर्ताओं से बात करने हेलीपैड पर खडी बुलेटप्रुफ कार से नहीं गए बल्कि इसके लिये उन्होंने एक महंगी कार का इस्तेमाल किया। एटा से मिली जिलाधिकारी की रिपोर्ट में कहा गया है कि श्री गांधी ने बुलेट प्रुफ कार का इस्तेमाल नहीं कर सुरक्षा नियमों की अनदेखी की।
कांग्रेस महासचिव को अपनी यात्ना के दौरान कल शाम को लखीमपुर खीरी से सीतापुर पहुंचना था। वह प्रदेश के आठ जिलों की यात्ना पर कल लखनऊ पहुंचे थे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें