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शुक्रवार, 15 जनवरी 2010

यूपी-बिहार ने महंगाई पर केंद्र को घेरा

लखनऊ/पटना, केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार द्वारा महंगाई के लिए राज्यों को जिम्मेदार ठहराने के बाद उत्तर प्रदेश और बिहार ने गुरुवार को उनके और केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। यूपी की मुख्यमंत्री मायावती और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि शरद पवार अपनी गैर जिम्मेदाराना बातें बंद करें, क्योंकि महंगाई की असली गुनहगार केंद्र सरकार है जिसकी गलत नीतियों के कारण जनता त्राहि-त्राहि कर रही है। लखनऊ में एक प्रेस कांफ्रेंस में मायावती ने कहा कि तीन मुख्य कारण हैं जिनकी वजह से महंगाई बढ़ रही है। पहला केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियां, दूसरा पेट्रोलियम के दामों में की गई भारी वृद्धि और तीसरा कांग्रेस व पूंजीपतियों की साठगांठ। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का हर फैसला जमाखोरों, मुनाफाखोरों तथा पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने वाला है। केंद्रीय मंत्री विशेषकर शरद पवार जिस प्रकार बयान देते हैं उससे चीनी के दाम आसमान छूने लगते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब देश में चावल की कमी है तो इसके निर्यात की अनुमति केंद्र ने कैसे दे दी? चावल के निर्यात पर उन्होंने तत्काल प्रतिबंध लगाने की मांग की। मायावती ने कहा कि दो साल पहले जब देश में पर्याप्त चीनी पैदा हुई थी तो बफर स्टॉक बनाने के बजाए सस्ते में उसका निर्यात कर दिया। मुख्यमंत्री ने दोहराया कि प्रदेश के किसानों का पूरा गन्ना जब तक पेर नहीं लिया जाता उनकी सरकार बाहर से चीनी आयात की अनुमति कदापि नहीं देगी। केंद्र सरकार महंगाई के लिए राज्यों को जिम्मेदार ठहराना बंद करे और अपनी गलत आर्थिक नीतियों को सुधारे वरना बसपा देशव्यापी आंदोलन छेड़ेगी। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भी नहीं छोड़ा। पटना में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाने की घोषणा ठीक वैसी ही है जैसे आग लगने पर गढ्ड़ा खोदना। नीतीश ने कहा कि इस बैठक के स्थान पर प्रधानमंत्री को सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए जिसमें महंगाई को नियंत्रित करने पर गहराई से विचार किया जाए। केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा था कि प्रधानमंत्री इस महीने के आखिर में सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों की एक बैठक बुलाएंगे। बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा कि महंगाई के लिए केंद्र और उसकी नीतियां पूरी तरह जिम्मेदार हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि महंगाई को नियंत्रित करने के लिए केंद्र के पास कोई दीर्घकालीन नीति नहीं है, जबकि राज्य सरकारें काला बाजारियों और मुनाफाखोरों के प्रति पूरी तरह सतर्क हैं। पवार द्वारा राज्यों को फुटकर बाजार में अपनी एजेंसियों के माध्यम से खाद्य पदार्थ वितरित करने के निर्देश दिए जाने पर नीतीश ने कहा कि अगर कीमतें बढ़ने के लिए राज्य सरकारें जिम्मेदार हैं तो कांग्रेस शासित राज्यों में कीमतें कम क्यों नहीं हो रहीं? उन्होंने बताया कि बिहार में कालाबाजारियों और मुनाफाखोरों के खिलाफ शिकायतों के लिए एक लाइन शुरू की गई है ताकि उनके खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की जा सके। इसके अलावा उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की अध्यक्षता में समिति गठित की गयी है।

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