नई दिल्ली, समाजवादी पार्टी के तीन अहम पदों से अमर सिंह के इस्तीफे पर मचे घमासान के बाद आखिर सुलह-सफाई का रास्ता निकल ही आया। इस पूरी तकरार में एक बार फिर अमर सिंह भारी पड़े। तल्ख तेवर दिखाने वाले प्रो. रामगोपाल यादव नरम पड़ गए तो उनके बयानों से आहत अमर सिंह ने भी उन्हें माफ कर दिया। हालांकि पार्टी के पदों से इस्तीफे पर वह कायम हैं। अमर के इस्तीफे के बाद से ही संकट में घिरी सपा के लिए सोमवार का दिन राहत भरा साबित हुआ, क्योंकि पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव, महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव और सपा के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष व मुलायम के सांसद बेटे अखिलेश यादव के बीच रास्ता निकालने पर बातचीत हो गई। उसके बाद अमर सिंह ने मीडिया में, खास तौर से समाचार चैनलों से बातचीत में कहा कि उनके मन में मुलायम के खिलाफ कुछ भी नहीं है। साथ ही सपा के किसी नेता से भी कोई शिकायत नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रो. यादव उनसे उम्र में बड़े हैं। उन्होंने टेलीफोन पर वार्ता में कहा है कि यदि उनकी बातों से उन्हें दुख पहंुचा है तो वह उसके लिए माफी चाहते हैं। लिहाजा उन्हें माफ कर दिया है। उन्हें मुलायम परिवार के सपा नेताओं से कोई गिला-शिकवा नहीं है और स्वास्थ्य सही रहा तो वह सैफई महोत्सव में भी शिरकत करेंगे। अमर सिंह ने यह भी दोहराया कि उन्होंने स्वास्थ्य संबंधी कारणों से ही इस्तीफा दिया है। लिहाजा इस्तीफा वापस नहीं लेंगे। हालांकि मुलायम ने इस्तीफा मंजूर नहीं किया है। सूत्रों की मानें तो अमर ने मुलायम से साफ कह दिया है कि इस्तीफा नहीं मंजूर हुआ तो भी वह न तो सपा संसदीय बोर्ड की बैठकों में भाग लेंगे और न ही प्रवक्ता या पार्टी महासचिव का दायित्व निभाएंगे। अमर ने कांग्रेस में जाने से भी इन्कार किया है। इस बीच, मुलायम ने इटावा में कहा कि सपा एक परिवार है, जहां सभी को अपनी बात कहने का हक है। परिवार एकजुट है और अमर व रामगोपाल में कोई मतभेद नहीं है। जबकि इस्तीफे के बाद अमर सिंह के खिलाफ एक तरह से मोर्चा खोल चुके प्रो. रामगोपाल यादव के तेवर भी सोमवार को ठंडे पड़ गए। मीडियाकर्मियों से बातचीत में उन्होंने कहा, सपा में अमर को लेकर कोई विवाद नहीं है। बस इतनी सी बात है कि जहां चार बर्तन रहते हैं, वे खनकते हैं। सैफई महोत्सव के समापन में वह मुख्य अतिथि हैं, इसलिए समापन वही करेंगे।
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