महाकुंभ में हर श्रद्धालु इसी तमन्ना के साथ आएगा कि किसी भी तरह
हर की पैड़ी में डुबकी लगा ले। इसलिए व्यवस्था यह की गई है कि कोई भी श्रद्धालु हर की पैड़ी पर एक मिनट से ज्यादा डुबकी नहीं लगा सकेगा। लिहाजा श्रद्धालुओं को भीगे बदन ही वहां आना होगा और कपड़े भी हर की पैड़ी से बाहर निकलकर बदलने होंगे। महाकुंभ में सुरक्षा के लिहाज से संवेदनशील हर की पैड़ी पर स्नान करना किसी चुनौती से कम नहीं होगा। माइक्रो प्लॉन के तहत हर पांच मिनट में हर की पैड़ी पर साढे़ चार हजार श्रद्धालु स्नान कर सकेंगे, लेकिन सच ये है कि ये पांच मिनट सिर्फ स्नान करने के लिए नहीं बल्कि हरकी पैड़ी तक पहुंचने व डुबकी लगाकर बाहर जाने तक के होंगे। ऐसे में खुद ही समय की तेजी का अंदाजा लगाया जा सकता है। हरकी पैड़ी पर प्रवेश करते ही सुरक्षा एजेंसियों की घड़ी पांच मिनट की उल्टी गिनती शुरू कर देगी। कहा जा सकता है कि भागमभाग वाली स्थिति में डुबकी लगाने के बाद गीले कपड़ों में ही हर की पैड़ी से बाहर जाना होगा। पांच मिनट पूरे होते ही साढ़े चार हजार श्रद्धालुओं की नई खेप प्रवेश द्वार से फिर एंट्री कर जाएगी। श्रद्धालु तौलिए के अलावा अपने साथ कुछ भी नहीं ले जा सकेंगे। इस बाबत आईजी गढ़वाल एमए गणपति ने बताया कि हर की पैड़ी के प्रवेश और निकास द्वार पर बैरिकेडिंग है। हर पांच मिनट में प्रवेश द्वार की बैरिकेडिंग से करीब साढ़े चार हजार लोगों को जाने दिया जाएगा। बैरिकेडिंग से छूटते ही श्रद्धालुओं के पास सिर्फ पांच मिनट का समय होगा। इन्हीं पांच मिनट में उन्हें न सिर्फ हर की पैड़ी तक पहुंचना होगा बल्कि स्नान कर बाहर भी जाना होगा। श्रद्धालु लगभग एक मिनट ही स्नान कर सकेंगे, जबकि दो-दो मिनट पहुंचने व जाने में लगेंगे।

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