डबवाली- स्थानीय स्वर्गभूमि रामबाग में उस समय बवाल खड़ा हो गया। जब आज प्रात: 7 बजे के करीब वहां पर पंजाब क्षेत्र किलियांवाली की बादल कॉलोनी से एक महिला का शव अन्तिम संस्कार के लिए लाया गया उस समय गेट पर ताला लटक रहा था। मण्डी किलियांवाली के निवासी अशोक कुमार ने बताया कि उनकी पत्नी कैंसर से पीडि़त थी तथा बीकानेर स्थित हस्पताल में उपचार दौरान उनका देहान्त बीते दिवस मंगलवार को हो गया था। उन्होंने बताया कि आज प्रात: 7 बजे वह रामबाग से शव हेतु अर्थी उठवाने के लिए गया तो उन्हें गेट पर ताला लटका मिला तथा रामबाग के अन्दर कोई भी कर्मचार मौजूद नहीं था। इसके बाद वह रामबाग के प्रबन्धक मोहन लाल के घर पहुंचे परन्तु वह घर पर भी नहीं मिले। तत्पश्चात वह रामबाग वापिस पहुंचे तो संयोगवश वहां अपने ससुर की अस्थि संचय कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे स्थानीय उपमण्डलाधीश डॉ. मुनीष नागपाल से इस सन्दर्भ में बात की गई तो उन्होंने रामबाग के पदाधिकारियों को दूरभाष पर तुरन्त वहां पर पहुंचने के आदेश दिए। लगभग साढ़े 8 बजे रामबाग के कार्यकारी प्रधान बलदेव राज शर्मा व कोषाध्यक्ष आत्मदेव सहित प्रबन्धक मोहन लाल भी पहुंच गया, तब जाकर उन्हें शव उठाने के लिए अर्थी मिली। पीडि़त अशोक कुमार ने बताया कि रामबाग में हर व्यक्ति दु:खी होकर आता है परन्तु रामबाग के कर्मचारी सांत्वना देने की बजाय ओर दु:खी करने का कार्य करते हैं।
इस बारे में जब रामबाग के कार्यकारी प्रधान बलदेव राज शर्मा से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि कर्मचारी मक्खन ङ्क्षसह के अवकाश पर चले जाने के कारण ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई। उन्होंने बताया कि अगर कोई अन्तिम संस्कार जल्दी करना चाहता है तो उन्हें रामबाग के कर्मचारियों को पहले से सूचना देनी होती है। परन्तु शोक ग्रस्त परिवार की ओर से उन्हें पूर्व में कोई सूचना नहीं मिली।
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