डबवाली-शनिवार मध्यरात्रि सूमो पर सवार अज्ञात जनों ने चौटाला रोड़ पर स्थित काली माता मंदिर के समीप डबवाली के एक व्यापारी से मारपीट कर उससे एक लाख दस हजार रुपये के करीब की राशि लूट ली। लुटेरे टाटा सूमो पर सवार हो कर आये थे और उनकी संख्या चार से पांच बताई जाती है। शहर में लगातार एक के बाद एक हो रही आपराधिक वारदातों के बाद शहरवासी सकते में हंै और अपने आप को असुरक्षित महसूस करने लग गये है। डबवाली के राम नगर कालोनी के निवासी कृष्ण कुमार अंगी जो कि लोडिंग व अनलोडिंग का कार्य कर रहे है। शनिवार को अपने सहयोगी गुरजंट सिंह के साथ शहर से कपड़ा व्यापारियों का कपड़ा अपनी गाड़ी यूटीलिटी पर लाद कर संगरियां ले गया था और वापसी आते हुए संगरियां से मुंगफली की बोरियां लाद कर वापिस डबवाली आ रहा था। संगरियां बाईपास के पास खड़ी सफेद रंग की सूमो में सवार लोगों ने उसका पीछा करना आरंभ कर दिया। उन्होंने बताया कि उसने अपनी गाड़ी को चौटाला गांव के अंदर ले गया और उसका पीछा करने वाले लोगों को चकमा देने का प्रयास किया लेकिन लुटेरों ने उसका पीछा नहीं छोड़ा वह अपनी गाड़ी को दौड़ा कर डबवाली शहर की ओर ले आया। लुटेरों ने भी उसका पीछा जारी रखा और उसे चौटाला रोड़ पर स्थित काली माता मंदिर के समीप घेर लिया। लुटेरों ने पहले उसकी गाड़ी पर लाठियों से वार कर उसके शीशा चकनाचूर कर दिया, फिर उसके सहयोगी गुरजंट सिंह से मारपीट करते हुए उसे गाड़ी से बाहर फेंक दिया। गुरजंट सिंह किसी तरह उनके चंगुल से छूट कर वहां से भागने में सफल रहा। लुटेरों ने उसे मारपीट की और उसे जबरदस्ती उसे सूमो में डाल दिया और उसकी यूटीलिटी गाड़ी को भी साथ ले गये। कृष्ण अंगी ने बताया कि लुटेरे उसे अबूबशहर गांव के पास कालातीतर वाली सड़क पर कच्चे रास्ते पर ले गये और वहां उससे मारपीट कर उसके पास मौजूद एक लाख दस हजार रुपये की नगदी छीन ली। जिसमें एक लाख तीन के करीब व्यापारियों के थे बाकी सात हजार रुपये उसके थे। उन्होंने बताया कि रुपये लूटने के बाद लुटेरों ने उसे राजस्थान कनाल नहर में फेंकने के लिए सूमो में से रस्सा निकालने लगे तो वह उन्हें चकमा दे कर वहां से भागने में सफल रहा। सामने से आ रहे दो ट्रेक्टर चालकों को देख कर लुटेरे फरार हो गये। वह किसी तरह अपनी गाड़ी के पास पहुंचा और उसे चला कर डबवाली के सिविल अस्पताल में उपचार के लिए दाखिल हुआ और इस घटना की सूचना अपने परिजनों और पुलिस को दी। इस घटना के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। लुटेरे पूरी रात सड़कों पर अपने जुल्म की दास्तां लिख रहे थे और पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी।
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रविवार, 28 नवंबर 2010
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