IMPORTANT-------ATTENTION -- PLEASE

-----------------------------------"यंग फ्लेम" परिवार में आपका हार्दिक स्वागत है। "यंग फ्लेम" परिवार आपका अपना परिवार है इसमें आप अपनी गजलें, कविताएं, लेख, समाचार नि:शुल्क प्रकाशित करवा सकते है तथा विज्ञापन का प्रचार कम से कम शुल्क में संपूर्ण विश्व में करवा सकते है। हर प्रकार के लेख, गजलें, कविताएं, समाचार, विज्ञापन प्रकाशित करवाने हेतु आप 093154-82080 पर संपर्क करे सकते है।-----------------------------------------------------------------------------------------IF YOU WANT TO SHOW ANY KIND OF VIDEO/ADVT PROMOTION ON THIS WEBSITE THEN CONTACT US SOON.09315482080------

Young Flame Headline Animator

मंगलवार, 22 मार्च 2011

आरक्षण मुद्दे पर हुड्डा का जाट समर्थन ही क्यों..?

क्या जातिवाद के पक्षधर हैं प्रदेश के मु यमंत्री
आखिर कब मिलेगा जरूरतमंदों को आरक्षण                             thepressreporter.com
राजनीति के खेल ने बिगाड़ा समाज का सही स्वरूप
करनाल (अनिल लाबा) : देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने पद की गरिमा को समझते हुए देश तथा समाज हित में जय जवान जय किसान का नारा देकर देश की जनता के दिलों में देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले जवानों और देश की जनता के लिए अन्न पैदा करने वाले किसानों के प्रति श्रद्धा के भाव पैदा किए थे। आज भी यह नारा जब लोगों की जुबां पर आता है तो जवानों और किसानों के प्रति आज भी जनता सचमुच नतमस्तक हो जाती है। जनता को मालूम है कि किसान इस देश के विकास की ही असली धुरी है जबकि देश की सीमाओं की रक्षा में जुटे जthepressreporter.comवानों की बदौलत यह देश सुरक्षा के घेरे में है। जैसे-जैसे समय बीतता गया तो राजनीति में परिवर्तनाी शुरू हो गया।गांधी और जवाहर लाल नेहरू की कांग्रेस के नेताओं ने टोपी और खद्दर छोड़कर स्वरूप बदल लिया। जल्दी ही कांग्रेस हाईटैक हो गई। वी.पी. ङ्क्षसह के शासनकाल में चली आरक्षण की आंधी को बुझाने के प्रयास कम और उभारने के प्रयास ज्यादा किए गए। यह बात देश की जनता भी जानती है कि आरक्षण से इस देश का भला होने वाला कतई नहीं है मगर राजनीति की गंदी विचारधारा देश के नेताओं को केवल इस बात पर सोचने के लिए मजबूर करती है कि राजनीति में ल बे समय तक टिके रहने के लिए तथा सत्ता में अपना पद लगातार बनाए रखने के लिए इस आरक्षण की आग को हवा किस गति से दी जा सकती है। भले ही इसमें देश का नुक्सान क्यों न हो जाए या आम जनता परेशानियों के सबब में ल बे काल तक घूमती रहे। मतलब जातिवाद का जहर घोलकर अपना फायदा निकालने का है। देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्व. देवीलाल को आज भी राजनीति में केवल इसलिए याद किया जाता है क्योंकि वह किसानों और गरीब लोगों के सच्चे हमदर्द हैं। वह तो खुद खेतों में पहुंचकर मजदूरों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर मिट्टी का तस्ला सिर पर उठा लेते थे। देश की सत्ता पर जब राज करने का समय आया तो अपने सिर पर आया सत्ता का ताज वी.पी. ङ्क्षसह के सिर पर सुशोभित कर दिया। ऐसे नेता बहुत कम देखने को मिलते हैं। आखिर आरक्षण का जहर बार-बार क्यों घोला जाता है, यह बात देश के लोगों की समझ में बिल्कुल न आए लेकिन नेताओं की समझ में बहुत ज्यादा समझदारी है। सब जानते हैं कि पिछले छह सालों में भूपेंद्र ङ्क्षसह हुड्डा हरियाणा की सत्ता में बतौर मु यमंत्री कार्यरत हैं। हुड्डा खुद जाट समुदाय से हैं। इससे पहले देवीलाल, बंसीलाल तथा ओमप्रकाश चौटाला जैसे जाट नेता भी मु यमंत्री रह चुके हैं लेकिन हुड्डा के कार्यकाल को छोड़कर किसी भी नेता के कार्यकाल के समय जाट समुदाय को आरक्षण देने का मामला इतनी जोरों से कतई नहीं उठा। सनद रहे कि जब हुड्डा पहली बार मु यमंत्री बने तो दो साल के बाद जाट समुदाय के लोगों ने आरक्षण की मांग को मीडिया के माध्यम से बुलंद करना शुरू कर दिया। पहली पारी में सत्ता और राजनीति का ज्ञान कम होने के कारण हुड्डा ने ज्यादा रिस्क लेना जरूरी नहीं समझा। दूसरी पारी में कांग्रेस को सीटें तो कम आई लेकिन जोड़-तोड़ की राजनीति के जरिए हुड्डा फिर से मु यमंत्री बनने में कामयाब हो गए। अब जाट समुदाय को भी लगने लगा है कि यदि अगली बार विधानसभा के चुनाव हुए तो हुड्डा और उनकी कांग्रेस सत्ता के इर्द-गिर्द भी नजर नहीं आएंगे और चौटाला पहले से ही आर्थिक आधार पर आरक्षण देेने की बात कर चुके हैं। लिहाजा जाट समुदाय के लोगों को लगता है कि यदि इस बार उन्होंने आरक्षण हासिल न किया तो शायद कभी ाी उन्हें आरक्षण मिलने वाला नहीं है। सूत्रों ने जानकारी दी है कि पिछले दिनों जाट समुदाय के नेताओं ने जिस तरह से हरियाणा के रेलवे ट्रैकों पर कब्जा किया है, उसके निर्देश कांग्रेस के ही दिग्गज नेताओं से मिले थे। सरकार की भूमिका पर सवाल अब इसलिए भी उठ रहे हैं कि पूर्व में हो चुके कई आंदोलनों पर यही सरकार न केवल लाठी चला चुकी है बल्कि मजदूरों की आवाज को कुचलने तक के लिए श्रमिकों पर लाठियां बरसाई गई। रोहतक में जब अध्यापक अपना आंदोलन चला रहे थे तो महिला अध्यापकों पर लाठियां तक चलाई गई, जिसमें एक महिला अध्यापक की मौत तक हो गई थी। यही नहीं हजकां कार्यकत्र्ताओं पर करनाल में ही ताबड़तोड़ लाठियां बरसाई गई बल्कि एक विधायक की टांग तक तोड़ दी गई। पुलिस की इस बर्बरता का शिकार पत्रकार और फोटोग्राफर भी हुए। यानी अपनी सही मांगों की आवाज उठाने वालों पर इसी हुड्डा सरकार ने अपना कहर जमकर बरपाया। जब अपनी ही बिरादरी के लोगों ने रेलवे ट्रैक पर जाम लगाया तो यही हुड्डा सरकार तमाशबीन बनकर तमाशा देखती रही। आखिर देश की स पत्ति को नुक्सान पहुंचाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का क्या कोई प्रावधान हुड्डा सरकार में नहीं है? मु यमंत्री भूपेंद्र ङ्क्षसह हुड्डा पूरी तरह से इस सवाल के लिए जवाबदेही हैं कि आखिर रेलवे ट्रैक पर जाम लगाकर कानून तोडऩे वालों के खिलाफ शिकंजा क्यों नहीं कसा गया। क्या 36 बिरादरी की भलाई की बात कहने वाले मौजूदा मु यमंत्री भूपेंद्र ङ्क्षसह हुड्डा क्या आरक्षण का जहर नहीं घोल रहे हैं? क्या हुड्डा जातिवाद को नहीं फैला रहे हैं? क्या देश के उन लोगों को आरक्षण नहीं मिलना चाहिए जिनके घर दो वक्त का खाना भी नहीं बनता, क्या वो आरक्षण के हकदार नहीं हैं, जिनके परिवारों को आज तक सरकारी नौकरी तक नसीब नहीं हुई। आज भी पाकिस्तान से उजड़कर आए बाङ्क्षशदे दो जून की रोटी के लिए मोहताज हो रहे हैं लेकिन किसी भी नेता ने उनके आरक्षण का मुद्दा नहीं उठाया। क्या हर जाति को आरक्षण दे देना, देश हित में है? क्या जाट समुदाय के ही लोग आरक्षण के सही हकदार हैं? जबकि इसी समुदाय के नेता पिछले 15 सालों से भी अधिक इस प्रदेश की सत्ता का स्वाद चखते आए हैं। बहरहाल यही समझ में आ रहा है कि भूपेंद्र ङ्क्षसह हुड्डा हरियाणा में जातिवाद का जहर थोड़ा बहुत नहीं बल्कि दबाकर घोल रहे हैं क्योंकि सच यही है कि आरक्षण से लाभ किसी को नहीं मिलता। लाभ केवल मेहनत और अपनी काबलियत पर मिलता है। हां वह लोग आरक्षण के जरूर हकदार हैं, जो भले ही किसी जाति से हो लेकिन जो दो वक्त की रोटी के लिए मारामारी कर रहे हैं।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

SHARE ME

IMPORTANT -------- ATTENTION ---- PLEASE

-----------------------------------"यंग फ्लेम" परिवार में आपका हार्दिक स्वागत है। "यंग फ्लेम" परिवार आपका अपना परिवार है इसमें आप अपनी गजलें, कविताएं, लेख, समाचार नि:शुल्क प्रकाशित करवा सकते है तथा विज्ञापन का प्रचार कम से कम शुल्क में संपूर्ण विश्व में करवा सकते है। हर प्रकार के लेख, गजलें, कविताएं, समाचार, विज्ञापन प्रकाशित करवाने हेतु आप 093154-82080 पर संपर्क करे सकते है।-----------------------------------------------------------------------------------------IF YOU WANT TO SHOW ANY KIND OF VIDEO/ADVT PROMOTION ON THIS WEBSITE THEN CONTACT US SOON.09315482080------

SITE---TRACKER


web site statistics

ब्लॉग आर्काइव

  © template Web by thepressreporter.com 2009

Back to TOP