
चंडीगढ़ से करीब 25 किलोमीटर दूर चप्पड़ चिड़ी में आयोजित शपथग्रहण समारोह में राज्यपाल शिवराज वी पाटिल ने बादल [मुख्यमंत्री], उनके 50 वर्षीय पुत्र सुखबीर [उप मुख्यमंत्री] और कैबिनेट रैंक के 16 मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। कैबिनेट रैंक के 16 मंत्रियों में से 14 शिअद से और चार भाजपा से हैं। शपथ ग्रहण समारोह में भाजपा, तृणमूल काग्रेस, राकापा, जनता दल [यू] और इनेलो सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता शामिल हुए।
इस अवसर पर मौजूद नेताओं में लालकृष्ण आडवाणी, नितिन गडकरी, राजनाथ सिंह, वसुंधरा राजे, नवजोत सिद्धू [सभी भाजपा से], मुकुल राय, रचपाल सिंह, केडी सिंह [तृणमूल काग्रेस], केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल [राकापा], जनता दल यू के प्रमुख शरद यादव और इंडियन नेशनल लोकदल [इनेलो] के नेता ओमप्रकाश चौटाला भी सम्मिलित थे। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल भी इस मौके पर मौजूद थे।
बादल ने मंत्रिमंडल के गठन का काम आज एक साथ ही पूरा कर दिया जिसमें मुख्यमंत्री सहित 18 मंत्री ही हो सकते हैं। अकाली-भाजपा गठबंधन ने विधानसभा चुनाव में 68 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत प्राप्त किया था। काग्रेस को केवल 46 सीटें मिली थीं। बादल सीनियर ने 1997 से 2002 तक और 2007 से 2012 तक दो बार पाच साल का कार्यकाल पूरा किया है।
गठबंधन की आठ महिला विधायकों [शिअद 6 और भाजपा 2] में से केवल बीबी जागीर कौर को मंत्रिमंडल में शामिल किया है जो एसजीपीसी की पूर्व अध्यक्ष हैं। मंत्रिमंडल में बादल परिवार के चार सदस्य हैं। बादल सीनियर और उनके पुत्र के अतिरिक्त अन्य पारिवारिक सदस्य अदेश प्रताप सिंह कैरों [बादल सीनियर के दामाद] और विक्रम सिंह मजीठिया [सुखबीर के साले] हैं।
बादल ने ज्यादातर अपने पूर्व मंत्रियों में भरोसा जताया और सरकार में केवल चार नए चेहरों को ही जगह दी है। इनमें भगत चुनी लाल और अनिल जोशी [दोनों भाजपा से तथा सुरजीत सिंह रखड़ा और शरणजीत सिंह ढिल्लों- दोनों शिअद] हैं। रखड़ा ने पंजाब काग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह के पुत्र रनिंदर को हराया था। लोकसभा के पूर्व उपाध्यक्ष चरणजीत सिंह अटवाल को नवगठित विधानसभा का कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
सन् 1966 में पंजाब के पुनर्गठन के बाद से एसएडी ने भाजपा के साथ मिलकर सत्ता में लगातार दूसरी बार आकर एक रिकार्ड बनाया है। इस बार के चुनाव में गठबंधन ने अपने आकड़े में वृद्धि करते हुए 68 सीटें हासिल कीं, जबकि 2007 में इसे 67 सीटें मिली थीं। पिछली बार भाजपा के 19 विधायक थे, लेकिन इस बार उसके 12 विधायक ही रह गए।
बादल सीनियर और सुखबीर क्रमश: लांबी तथा जलालाबाद सीटों से निर्वाचित हुए थे। इन दोनों के अतिरिक्त शपथ लेने वालों में भगत चुनी लाल [भाजपा जालंधर पश्चिम], सरवन सिंह फिल्लौर [शिअद-करतारपुर आरक्षित], अदेश प्रताप कैरों [शिअद-पट्टी], अजीत सिंह कोहड़ [शिअद-शाहकोट], गुलजार सिंह रानिके [शिअद-अटारी] , मदन मोहन मित्तल [भाजपा-आनंदपुर साहिब], परमिंदर सिंह ढींडसा [शिअद-सुनाम], जनमेजा सिंह शेखों [शिअद-मौर], तोता सिंह [शिअद-धर्मकोट] , जागीर कौर [शिअद-भोलथ], सुरजीत कुमार ज्ञानी [भाजपा-फजिलका] , बिक्रम सिंह मजीठिया [शिअद-मजीठा], सिकंदर सिंह मलूका [शिअद-रामपुरा फूल], अनिल जोशी [भाजपा-अमृतसर उत्तर], सुरजीत सिंह रखड़ा [श्अिद-समाना] और शरणजीत सिंह ढिल्लों [शिअद-साहनीवाल] शामिल हैं।
पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन [पीसीए] का मोहाली स्थित स्टेडियम आज सूना था जहा पाच साल पहले बादल सरकार ने शपथ ली थी। इस बार शपथ ग्रहण के लिए चप्पड़ चिड़ी को चुना गया जहा शिअद-भाजपा सरकार ने अपने पिछले कार्यकाल में फतेह बुर्ज स्मारक की स्थापना की थी।
सिख इतिहास के अत्यंत सम्मानित योद्धा बंदा सिंह बहादुर ने अजीतगढ़ जिले के चप्पड़ चिड़ी में 1710 में मुगल सेना की कमान संभाल रहे वजीर खान को लड़ाई में हराया था। यह स्थान राज्य की राजधानी से 25 किलोमीटर दूर है। राजनीतिक पर्यवेक्षकों के अनुसार अकाली-भाजपा गठबंधन अपने परंपरागत पंथिक एजेंडे को त्यागकर विकास और शाति के एजेंडे पर लगातार दूसरी बार सत्ता में आया है।
शपथ ग्रहण समारोह में पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और बिहार के मुख्यमंत्रियों ममता बनर्जी, जयललिता और नीतीश कुमार को भी आमंत्रित किया गया था, लेकिन अन्य कार्यो में व्यस्त होने का कारण बताकर उन्होंने आने में असमर्थता जताई,
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