
नई दिल्ली( डॉ सुखपाल सावंत खेडा)- अगर आप चिडि़या उड़ाना और मवेशी हांकना जानते हैं तो आपको रोजगार की गारंटी मिल सकती है। सरकार इन कामों को भी नरेगा में शामिल करने की तैयारी में है। सरकार का मानना है कि इससे जहां खेतों को चिडि़यों के चुगने से बचाया जा सकता है, वहीं वन्य जीवों की सुरक्षा भी हो सकेगी। राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (नरेगा) में कुछ और कार्यो को शामिल किये जाने की मांग को देखते हुए इस प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है। यह जानकारी केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री सीपी. जोशी ने दैनिकजागरण से बातचीत में दी। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़ और असम ने इस तरह के प्रस्ताव भेजे हैं। पहाड़ और सघन जंगलों के आसपास की खेती को वन्य जीवों से नुकसान पहुंचता है जबकि कृषि की क्षति रोकने के लिए कुछ जगहों पर जिस तरह के उपाय किये गये हैं, उनसे भी वन्य जीवों की क्षति हो रही है। असम में जंगली हाथियों से खेती को नुकसान पहुंच रहा है, जबकि हिमाचल प्रदेश और छत्तीसगढ़ में जंगली जानवरों और चिडि़यों से। खेती को बचाने और छोटे-छोटे खेतों में खड़ी फसल की सुरक्षा के लिए मजदूरों की नियुक्ति करनी पड़ती है। देश के विभिन्न क्षेत्रों से नील गायों की हत्या करने की अनुमति मांगी गई है, पर सांप्रदायिक संवेदनशीलता के मद्देनजर ऐसा करना संभव नहीं हो पा रहा है। इन राज्यों में खेती को बचाने के लिए नरेगा की मदद भी नहीं मांगी गई है।
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