
तालिबान के खिलाफ पाकिस्तानी सेना के आक्रामक अभियान के बाद पड़ोस से जुड़ी सीमा पर चौकसी और बढ़ी दी गई है। सेना के सभी अंगों को सतर्क करने के साथ पाकिस्तान से जुड़ी सीमा पर तैनात सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की गश्त भी बढ़ा दी गई है। रक्षामंत्री एके एंटनी व सेनाध्यक्ष जनरल दीपक कपूर ने भी माना कि पाकिस्तान के हालात गंभीर हैं, लेकिन उन्होंने यह भी आश्वस्त किया कि भारतीय सेनाएं तालिबानी खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। अमेरिका के दबाव में पाकिस्तान को तालिबान के खिलाफ आक्रामक सैन्य अभियान चलाना पड़ रहा है। भारतीय सुरक्षा तंत्र को आशंका रही है कि पड़ोस में जिस तरह के हालात हैं, उसका कुछ असर भारतीय सीमा या आंतरिक सुरक्षा पर भी पड़ सकता है। तालिबान लगातार भारत को सबक सिखाने की भी धमकी देता चला आ रहा है। इसके मद्देनजर सीमा पर व आंतरिक सुरक्षा के मोर्चे पर भारतीय सुरक्षा तंत्र ने सक्रियता बढ़ा दी है। सेना प्रमुख जनरल दीपक कपूर ने माना कि यदि अगल-बगल कोई बड़ी घटना होती है तो फर्क तो पड़ता ही है। हालांकि पाकिस्तान में तालिबान जो कर रहा है वह पड़ोसी मुल्क की समस्या है। हमें इस बात में कोई शक नहीं है कि अगर तालिबान ने हमारे देश में कोई नापाक हरकत करने की कोशिश की तो उसे मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। सेना प्रमुख के बयान से साफ है कि सेनाएं पड़ोस में चल रही हर गतिविधि पर नजर रखे हैं और किसी भी खतरे का सामना करने के इंतजाम भी किए गए हैं। इसी संबंध में रक्षामंत्री एके एंटनी ने भी एक कार्यक्रम में कहा कि आतंकवाद न सिर्फ हमारी, बल्कि पूरी दुनिया की चिंता का प्रमुख विषय है। मौजूदा समय में सेना की भूमिका बाहरी व आंतरिक सुरक्षा को महफूज रखने में बहुत ज्यादा अहम हो गई है। एंटनी ने भरोसा दिलाया कि भारतीय सेनाएं किसी भी स्थिति और कैसे भी खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। पाकिस्तान में चल रहे घटनाक्रम पर गृहमंत्री पी चिदंबरम की रक्षामंत्री से भी चर्चा हुई। गृह मंत्रालय तालिबान के खिलाफ आक्रामक कार्रवाई के दूरगामी परिणाम देख रहा है। उनका भी मानना है कि सीधे तो कोई खतरा नहीं है, लेकिन तालिबान पाकिस्तान के कट्टरपंथियों का समर्थन हासिल करने के लिए भारतीय सरजमीं पर किसी हरकत की साजिश रच सकता है। इससे पाकिस्तान के अंदर सेना की कार्रवाई के खिलाफ तालिबानी अपने कुछ हमदर्द जुटा सकते हैं। इसलिए खतरे को नकारा नहींजा सकता है।
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