
नई दिल्ली : तालिबान के खिलाफ पाकिस्तानी सेना के आक्रामक अभियान के बाद पड़ोस से जुड़ी सीमा पर चौकसी और बढ़ी दी गई है। सेना के सभी अंगों को सतर्क करने के साथ-साथ पाकिस्तान से जुड़ी सीमा पर तैनात सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की गश्त भी तेज कर दी गई है। रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी व सेनाध्यक्ष जनरल दीपक कपूर ने भी माना है कि पाकिस्तान के हालात गंभीर हैं, लेकिन आश्वस्त किया कि भारतीय सेनाएं तालिबान से संभावित खतरे का मुकाबला करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। इस बीच जम्मू-कश्मीर के कई संवेदनशील स्थानों पर राष्ट्रीय राइफल्स की दो बटालियनें तैनात की गई हैं। अमेरिका के दबाव में पाकिस्तान को तालिबान के खिलाफ आक्रामक सैन्य अभियान चलाना पड़ रहा है। भारतीय सुरक्षा तंत्र को आशंका है कि पड़ोस में जिस तरह के हालात हैं, उसका कुछ असर भारतीय सीमा या आंतरिक सुरक्षा पर भी पड़ सकता है। तालिबान लगातार भारत को सबक सिखाने की भी धमकी देता चला आ रहा है। इसके मद्देनजर सीमा व आंतरिक सुरक्षा के मोर्चे पर भारतीय सुरक्षा तंत्र ने सक्रियता बढ़ा दी है। सेना प्रमुख जनरल दीपक कपूर ने कहा है कि अगल-बगल कोई बड़ी घटना होती है तो फर्क तो पड़ता ही है। हालांकि, उन्होंने आगे जोड़ा कि पाकिस्तान में तालिबान जो कर रहा है वह पड़ोसी मुल्क की समस्या है। हमें इस बात में कोई शक नहीं है कि अगर तालिबान ने हमारे देश में कोई नापाक हरकत करने की कोशिश की तो उसे मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। इसी संबंध में रक्षा मंत्री एंटनी ने भी एक कार्यक्रम में कहा, आतंकवाद न सिर्फ हमारी, बल्कि पूरी दुनिया की चिंता का प्रमुख विषय है। मौजूदा समय में सेना की भूमिका बाहरी व आंतरिक सुरक्षा को महफूज रखने में बहुत ज्यादा अहम हो गई है। एंटनी ने भरोसा दिलाया कि भारतीय सेनाएं किसी भी स्थिति और कैसे भी खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान में चल रहे घटनाक्रम पर गृह मंत्री पी. चिदंबरम की भी रक्षा मंत्री से चर्चा हुई है। गृह मंत्रालय का मानना है कि पाकिस्तान के कट्टरपंथियों की हमदर्दी हासिल करने के लिए तालिबान भारतीय सरजमीं पर हरकत की कोशिश कर सकता है। शायद इन्हीं आशंकाओं का ही असर है कि सेना के आतंक निरोधी दस्ते राष्ट्रीय राइफल्स के दो हजार सैनिकों की जम्मू-कश्मीर में नए स्थानों पर तैनाती की गई है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें