
( डॉ सुखपाल सावंत खेडा)- लाखों लोगों को विस्थापित होना पड़ा है
आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में बाढ़ का कहर अभी भी जारी है. सरकार की ओर से बचाव और राहत कार्य तेज़ी से चल रहा है.
कृष्णा और गुंटूर ज़िले में अभी भी पानी भरा हुआ है. इन ज़िलों में सौ से अधिक गाँव डूबे हुए हैं.
उधर कर्नाटक से वरिष्ठ पत्रकार ख़ालिद कर्नाटकी ने ख़बर दी है कि मौसम खुलने के बाद राहत और बचाव कार्य तेज़ हुआ है लेकिन अभी भी पानी का स्तर सब जगह कम नहीं हुआ है.
आंध्र प्रदेश राज्य के इतिहास में आई अब तक की सबसे भीषण बाढ़ में दौ सौ से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और राज्य सरकार का आकलन है कि इस बाढ़ ने राज्य को 12000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान पहुंचाया है.
अधिकारियों का अनुमान है कि बाढ़ का पानी कम होने के बाद मरने वालों की संख्या में बढ़ोत्तरी होने के आसार हैं.
यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने सोमवार को राज्य का दौरा किया था. उनके साथ केंद्रीय गृहमंत्री पी चिदंबरम भी थे. गृहमंत्री ने कहा है कि राज्य को केंद्र की ओर से पर्याप्त सहायता दी जाएगी.
सफ़ाई जारी
जहाँ पानी कम हो गया है वहाँ अब सफ़ाई का काम किया जा रहा है
कृष्णा ज़िले में पानी अभी भी जमा हुआ है और वहाँ दो लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया है.
इसी तरह गुंटूर में भी बाढ़ का पानी अभी जमा हुआ है.
उधर करनूल और महबूब नगर में पानी कम हो गया है लेकिन वहाँ सड़कों पर कई फ़ुट मिट्टी जमी हुई है और इसकी साफ़ सफ़ाई जारी है.
सोनिया गांधी ने इन्हीं ज़िलों का हवाई दौरा किया था.
राज्य के मुख्यमंत्री के रोसैया ने सोनिया गांधी को बाढ़ से हुए नुकसान संबंधी एक रिपोर्ट पेश की है जिसमें 12225 करोड़ रुपये का नुक़सान दिखाया गया है.
मुख्यमंत्री ने सोनिया गांधी से आंध्र प्रदेश में आई बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने और राज्य को छह हज़ार करोड़ रुपये की तत्काल केंद्रीय सहायता देने की मांग की.
उन्होंने केंद्र सरकार से भी इसी तरह की सहायता की मांग की है.
अपनी रिपोर्ट में बाढ़ से हुए नुक़सान का पूरा ब्यौरा देते हुए रोसैया ने कहा कि सरकार के ऊपर राहत और बचाव कार्य के लिए भी पांच सौ करोड़ रुपये का अतिरिक्त ख़र्च आएगा क्योंकि लाखों लोग विस्थापित हुए हैं.
इस बीच राज्य सरकार ने बाढ़ पीड़ित परिवारों की राहत राशि बढ़ाकर दो लाख रुपए कर दी है.
उधर कर्नाटक में भी बाढ़ की वजह से लाखों लोग विस्थापित हुए हैं.
वहाँ मौसम साफ़ होने के बाद राहत कार्यों में तेज़ी आई है.
राज्य में विस्थापितों की संख्या को देखते हुए राहत कैंपों की संख्या बढ़ा दी गई है.
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