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शुक्रवार, 27 नवंबर 2009
बूटा सिंह ने पंजाब सरकार को चेताया
चंडीगढ़ : राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के चेयरमैन बूटा सिंह ने पंजाब सरकार को चेतावनी दी है कि वह राज्य में दलितों पर अत्याचार के मामलों पर रोक लगाए अन्यथा आयोग ऐसे मामलों में सरकार के खिलाफ कड़ी रिपोर्ट संसद को भेजेगा। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार राज्य में दलितों को कल्याण योजनाओं का पूरा लाभ नहीं दे रही। यहां पंजाब पुलिस के सीनियर अफसरों से राज्य में दलितों पर अत्याचार मामलों पर चर्चा के बाद पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि पंजाब के डीजीपी ने उन्हें ऐसे मामलों में दोषियों पर कार्रवाई का भरोसा दिया है और कार्रवाई के बारे में आयोग को अवगत कराने की बात भी कही है। बूटा सिंह ने कहा कि विभिन्न राज्यों से मिले ब्यौरे के बाद आयोग ने पाया है कि पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार और उड़ीसा में सरकारों का काम दलितों के मामले में तसल्लीबख्श नहीं है। इन राज्यों में दलितों पर अत्याचार के ऐसे मामले भी सामने आए हैं जिनकी मिसाल आजादी से पहले कहीं नहीं मिलती। उन्होंने आज की बैठक का जिक्र करते हुए बताया कि भुलत्थ से कांग्रेसी विधायक सुखपाल सिंह खैरा ने आयोग के पास तीन शिकायतें भेजी थीं। इन मामलों में डीजीपी पीएस गिल, एडीजीपी राजन गुप्ता और डीआईजी आरपीएस बराड़ आयोग के समक्ष पेश हुए थे। खैरा भी विशेष तौर पर पीडि़तों को लेकर उनसे मिलने आए थे। खैरा ने ढिलवां थाने के अंतर्गत गांव बिजली नंगल कश्मीर सिंह बाजीगर की बेटी के विवाह समारोह के दौरान अकाली समर्थकों द्वारा बारात से मारपीट करने की शिकायत रखी। पीडि़तों द्वारा थाने में शिकायत करने पर पुलिस ने मामला दर्ज करने से इंकार कर दिया। खैरा ने आयोग के समक्ष मंसूरवाला गांव के दलित सरपंच का मामला उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि गांव के अनुसूचित जाति से संबंधित सरपंच जोगा सिंह को बेवजह बर्खास्त कर दिया गया है।
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