
दिल्ली नगर निगम में कई हज़ार काल्पनिक कर्मचारी
-------------------------------------
दिल्ली सरकार ऐसे 22,853 कर्मचारियों को तनख़्वाह दे रही है जिनका वजूद ही नहीं है.
दिल्ली के मेयर कंवर सेन ने एक बयान में कहा कि इन काल्पनिक कर्मचारियों की तनख़्वाह कुल मिलाकर चार करोड़ 30 लाख डॉलर सालाना बैठती है.
इस घपले का पता तब चला जब प्रशासन ने उपस्थिति दर्ज करने की बायोमिट्रिक प्रणाली लागू की.
संवाददाताओं का कहना है कि ये इस बात का संकेत है कि कुछ सरकारी अधिकारियों ने इन कर्मचारियों की सूची इसलिए बनाई जिससे राज्य कोष से धन निकाल सकें.
दिल्ली नगर निगम में एक लाख से अधिक सफ़ाई कर्मचारी, माली, अध्यापक और अन्य कर्मचारी हैं.
घोटाले की जानकारी
इस मामले की विस्तृत जांच की जाएगी जिससे तथ्यों का पता चल सके. और जिन अधिकारियों ने फ़र्ज़ी कर्मचारियों की सूची बनाकर सरकारी धन खाया है उनके ख़िलाफ़ सख़्त आनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी.
कंवर सैन, दिल्ली के मेयर
दिल्ली नगर निगम ने पिछले साल अगस्त के महीने में बायोमिट्रिक प्रणाली लागू की थी.
शहर के मेयर कंवर सेन का कहना है कि निगम में कुल 104,241 कर्मचारी हैं जबकि रिकॉर्ड के अनुसार इनकी संख्या 127,094 दिखाई जा रही थी.
सेन के कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि भुगतान अधिकारियों के आंकड़ों और बायोमिट्रिक प्रणाली में दर्ज कर्मचारियों की संख्या में 22,853 का अंतर है.
सेन ने कहा, "इस मामले की विस्तृत जांच की जाएगी जिससे तथ्यों का पता चल सके और जिन अधिकारियों ने कर्मचारियों की फ़र्ज़ी सूची बनाकर सरकारी धन खाया है उनके ख़िलाफ़ सख़्त आनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी."
लंबे समय से ये आशंका व्यक्त की जा रही थी कि नगर निगम को काल्पनिक कर्मचारियों के माध्यम से चूना लगाया जा रहा है लेकिन प्रशासन ने हमेशा इन आरोपों का खंडन किया.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें