नई दिल्ली, भारत और श्रीलंका के बीच रविवार को खतरनाक पिच के चलते
रद हुए पांचवें वनडे मैच से बीसीसीआई और डीडीसीए को करोड़ों रुपये की चपत लगी है। विज्ञापन और टीवी राइट्स के जरिए आयोजकों को एक वनडे मैच से करीब चार से पांच करोड़ रुपये की आमदनी होती है। अब प्रायोजक इस मैच का पैसा तो वापस लेंगे ही साथ ही मेजबानों को दर्शकों का भी पैसा लौटाना पड़ेगा। सबसे बड़ा खतरा यह है कि कहीं कोटला पर आईसीसी एक या दो सालों का प्रतिबंध न लगा दे, जैसा इंदौर के साथ हुआ था। इंदौर में तीन ओवर के बाद रद हुए मैच के बाद उस पर दो वर्ष का प्रतिबंध लगा था। डीडीसीए पूरे मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय समिति गठित करेगा। सरकार की तरफ से नामित विभाकर शास्त्री ने कहा कि समिति सप्ताह भीतर रिपोर्ट देगी। अगर सोमवार को प्रतिबंध की घोषणा होती है तो डीडीसीए, बीसीसीआई और आईसीसी को घोर संकट का सामना करना पड़ेगा क्योंकि 2011 में एशियाई उपमहाद्वीप में विश्व कप मैचों का आयोजन होना है। प्रतिबंध की प्रक्रिया में हालांकि एक सप्ताह या उससे अधिक का समय लग सकता है। ऐसी स्थिति में यह पूरा मामला पहले आईसीसी की तकनीकी समिति के पास जाएगा। चूंकि कोटला भी अगले विश्व कप के मैचों की मेजबानी करेगा, इसलिए प्रतिबंध के बाद उसे मेजबानी से हाथ धोना पड़ सकता है। ऐसी स्थिति में बीसीसीआई को यहां होने वाले मैचों के लिए कोई नया सेंटर ढूंढ़ना पडे़गा। यह दिक्कत आईसीसी को भी झेलनी पड़ेगी। उन्हें भी अपने कार्यक्र म में फेरबदल करना पड़ेगा। इस समस्या से बचने के लिए आईसीसी हो सकता है कि इस सेंटर को अधिकतम एक साल के लिए प्रतिबंधित करे अथवा कड़ा आर्थिक जुर्माना लगाकर छोड़ दे। बहरहाल मामला बहुत गंभीर है, आईसीसी इसे कतई हल्के रूप में नहीं लेगी। डीडीसीए के अध्यक्ष अरुण जेटली ने कहा कि यह हमारी जिम्मेदारी थी, लेकिन इस मामले में बोर्ड की भी जिम्मेदारी बनती है क्योंकि उन्होंने भी पिच के लिए अपना विशेषज्ञ भेजा था। दर्शकों और अन्य को जो असुविधा हुई उसके लिए डीडीसीए को खेद है। हम उनसे माफी मांगते हैं। सभी गेट टिकट का पैसा लौटाया जाएगा। इस संबंध में विस्तृत घोषणा जल्द होगी। जेटली ने आश्वासन दिया कि अगली बार इस तरह की पुनरावृत्ति न हो इसलिए हम पिच के लिए क्वालीफाइड एवं उच्च तकनीकी जानकार से राय लेने के बाद ही पिच का निर्माण करवाएंगे। हम इस मामले में किसी पर दोषारोपण करने के बजाय इसे सुलझाने का प्रयास करेंगे। चेतन चौहान ने कहा कि वह इस घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हैं लेकिन केवल राज्य संघ को ही दोषी नहीं ठहराया जा सकता।

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