IMPORTANT-------ATTENTION -- PLEASE

-----------------------------------"यंग फ्लेम" परिवार में आपका हार्दिक स्वागत है। "यंग फ्लेम" परिवार आपका अपना परिवार है इसमें आप अपनी गजलें, कविताएं, लेख, समाचार नि:शुल्क प्रकाशित करवा सकते है तथा विज्ञापन का प्रचार कम से कम शुल्क में संपूर्ण विश्व में करवा सकते है। हर प्रकार के लेख, गजलें, कविताएं, समाचार, विज्ञापन प्रकाशित करवाने हेतु आप 093154-82080 पर संपर्क करे सकते है।-----------------------------------------------------------------------------------------IF YOU WANT TO SHOW ANY KIND OF VIDEO/ADVT PROMOTION ON THIS WEBSITE THEN CONTACT US SOON.09315482080------

Young Flame Headline Animator

सोमवार, 28 दिसंबर 2009

शेरा पूछे, कोटला! हाउज दैट!!!

नई दिल्ली, फिरोजशाह कोटला की पिच के कारण दिल्ली शर्मसार हो गई। अनुभव और विश्वास
के बावजूद सिर्फ एक दिन के मैच में ही दिल्ली की छीछालेदर हो गई। ऐसी हालत में कॉमनवेल्थ गेम्स की तैयारियों पर उठ रही आशंकाएं और भी मजबूत हो जाती हैं। पूर्व केंद्रीय खेल मंत्री विजय गोयल क्रिकेट मैच रद्द होने के बाद काफी चिंतित हैं, लेकिन दिल्ली सरकार के पीडब्ल्यूडी मंत्री राजकुमार चौहान इन आशंकाओं और चिंताओं को निराधार मानते हैं।
चौहान का कहना है कि पिच के कारण दिल्ली का मैच रद्द होना शर्म की बात है, लेकिन इसे कॉमनवेल्थ गेम्स के साथ जोड़ना सही नहीं है। हमारे ज्यादातर स्टेडियमों का ढांचा तैयार हो चुका है। सिर्फ फिनिशिंग का काम बाकी है। खेलों के आयोजन में अभी नौ महीनों से ज्यादा का समय है। स्टेडियम समय से काफी पहले ही तैयार हो जाएंगे।
चौहान के अनुसार, केवल दो प्रोजेक्ट ऐसे हैं, जिन्हें लेकर चिंता हो सकती है। पहला बारापूला एलिवेटेड रोड और दूसरा, सलीमगढ़ फोर्ट के पैरलल रिंग रोड। बारपूला प्रोजेक्ट मई तक पूरा होना है। किसी अनहोनी के कारण मई तक काम पूरा नहीं हुआ तो भी इसके बाद चार महीने का समय और रहेगा। सलीमगढ़ प्रोजेक्ट जून-जुलाई तक पूरा हो जाएगा। यही स्थिति यूपी लिंक रोड की भी है। उन्होंने दावा किया कि स्ट्रीट लाइट बदलने का काम जनवरी में पूरा हो जाने की उम्मीद है। स्ट्रीट स्केपिंग और ब्यूटीफिकेशन भी शुरू हो चुका है। गाजीपुर और अप्सरा बॉर्डर का कुछ काम रह भी गया, तो कॉमनवेल्थ गेम्स से उसका कोई सीधा संबंध नहीं है। साइनेज का 50 करोड़ रुपये का टेंडर आ चुका है, यानी हर काम पटरी पर है।
दूसरी तरफ, विजय गोयल मानते हैं कि एक दिन के मैच का वर्क लोड ही हम सह नहीं पाए, तो इतने बड़े पैमाने पर होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स को कैसे मैनेज कर पाएंगे। चिंता इसलिए ज्यादा है, क्योंकि कुछ लोगों ने खेलों को अपनी बपौती बना लिया है। यही स्थिति रही तो दिल्ली निश्चित रूप से शर्मसार होगी। गोयल रविवार को ही खेलगांव देखने गए थे। उनका कहना है कि इन्फ्रास्ट्रक्चर कहीं दिखाई नहीं दे रहा है। खेलों के आयोजन की तरफ भी किसी का ध्यान नहीं है। केवल स्टेडियमों के निर्माण से ही खेल सफल नहीं हो सकते। न कम्यूनिकेशन की प्लानिंग है, न मीडिया की, न सिक्युरिटी की और न ही रेफरियों व सिस्टम की। आयोजन समिति सोचती है कि दिल्ली सरकार अपनी जिम्मेदारियां निभाएगी, जबकि दिल्ली सरकार इसे केंद का दायित्व मानती है। गोयल कहते हैं कि दिल्ली का मैच रद्द होना एक चेतावनी है। बशर्ते आयोजन समिति इसे चेतावनी के तौर पर ले।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

SHARE ME

IMPORTANT -------- ATTENTION ---- PLEASE

-----------------------------------"यंग फ्लेम" परिवार में आपका हार्दिक स्वागत है। "यंग फ्लेम" परिवार आपका अपना परिवार है इसमें आप अपनी गजलें, कविताएं, लेख, समाचार नि:शुल्क प्रकाशित करवा सकते है तथा विज्ञापन का प्रचार कम से कम शुल्क में संपूर्ण विश्व में करवा सकते है। हर प्रकार के लेख, गजलें, कविताएं, समाचार, विज्ञापन प्रकाशित करवाने हेतु आप 093154-82080 पर संपर्क करे सकते है।-----------------------------------------------------------------------------------------IF YOU WANT TO SHOW ANY KIND OF VIDEO/ADVT PROMOTION ON THIS WEBSITE THEN CONTACT US SOON.09315482080------

SITE---TRACKER


web site statistics

ब्लॉग आर्काइव

  © template Web by thepressreporter.com 2009

Back to TOP