नई दिल्ली, महाराष्ट्र से नेपाली छात्रा को निर्वासित करने के मामले में गृह मंत्रालय की सख्ती ने कुछ असर दिखाया। महाराष्ट्र सरकार ने नेपाली छात्रा नीतू के निर्वासन का फैसला एक माह के लिए स्थगित कर दिया है। अब वह भारत वापस आकर अपनी पढ़ाई पूरी करेगी, लेकिन उस पर बंदिशें लागू रहेंगी। सूत्रों के मुताबिक, पुणे के फिल्म व टेलिविजन इंस्टीट्यूट की छात्रा नीतू सिंह को मीडिया से बातचीत की अनुमति नहीं होगी। संस्थान के बाहर जाने के लिए उसे अधिकृत लोगों की अनुमति लेनी पड़ेगी। वास्तव में इन सख्त शर्तो के पालन पर ही नीतू को भारत वापसी की अनुमति मिली है। एफटीआईआई के निदेशक को इन सभी शर्तो के पालन कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। नीतू सिंह को 5 दिसंबर को महाराष्ट्र सरकार ने उसके देश वापस भेज दिया था। इस बारे में पुणे पुलिस या महाराष्ट्र सरकार ने केंद्र सरकार और गृह मंत्रालय को भी अंधेरे में रखा। महाराष्ट्र सरकार ने आंतरिक सुरक्षा से जुड़ा मसला बताकर संस्थान व उसके समर्थकों को भी चुप करा दिया था। कई महिला व समाजसेवी संगठनों ने आरोप लगाया था कि नीतू के पति नेपाल की संसद के नामित सदस्य अमरेश सिंह के इशारे पर केंद्र ने यह कदम उठाया है।
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गुरुवार, 14 जनवरी 2010
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