वाशिंगटन--अपने विवादों
से तीसरी बार प्रधानमंत्री की विदेश यात्रा में खलल डाल चुके शशि थरूर से मनमोहन सिंह खफा तो नजर आए लेकिन इसका इजहार उन्होंने संतुलित तरीके से किया। परमाणु सुरक्षा सम्मेलन के समापन के बाद यहां मीडिया से रूबरू होते हुए प्रधानमंत्री ने कह दिया कि अगर जरूरी हुआ तो सुबूत के आधार पर थरूर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। थरूर के एक और विवाद में फंसने के बाद उन्हें मंत्रिमंडल से हटाए जाने की विपक्ष की मांग पर उन्होंने कहा कि मैंने यह सब कुछ सुना है लेकिन मेरे पास तथ्य मौजूद नहीं हैं। शनिवार को लौटकर तथ्य हासिल करूंगा और उनके आधार पर यदि जरूरी हुआ तो थरूर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मुझे लगता है यही सही तरीका होगा। प्रधानमंत्री ने यह भी जोड़ा कि मैं सुनी सुनाई बातों या अखबार में छपी बातों के आधार पर कोई फैसला नहीं कर सकता। थरूर की वजह से लगातार तीसरी बार अपनी विदेश यात्रा पर असहज हो चुके पीएम खफा जरूर हैं। फरवरी में रियाद में थरूर ने भारत-पाक के बीच वार्ताकार की जरूरत के संदर्भ में बयान देकर मनमोहन को सफाई देने पर विवश कर दिया था। पिछले साल सितंबर में आसियान बैठक के दौरान भी पीएम का सामना थरूर के कैटल क्लास विवाद से हुआ था। हर बार थरूर की कुर्सी बचा ले गए पीएम पर इस बार दबाव ज्यादा है, क्योंकि मामला जुबान फिसलने का नहीं, बल्कि केंद्रीय मंत्री के आचरण का है। यह आईपीएल में कोच्चि की टीम में थरूर की महिला मित्र सुनंदा पुष्कर की 70 करोड़ रुपये की फ्री इक्विटी का मसला है। भाजपा और वामदलों समेत पूरे विपक्ष ने थरूर को साउथ ब्लाक से बाहर कराने की लामबंदी कर ली है। प्रकाश करात और एबी बर्धन तो जांच मुकम्मल होने तक थरूर को एक मिनट के लिए भी विदेश मंत्रालय की कुर्सी पर देखना नहीं चाहते हैं।

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