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गुरुवार, 15 अप्रैल 2010
भाजपा फिर बचाव में आई ममता ने आंखें दिखाई
दिल्ली/कोलकाता, एजेंसी: नक्सल मुद्दे पर जहां मुख्य विपक्षी दल भाजपा पी. चिदंबरम का खुला समर्थन कर रही है वहीं सरकार में शामिल तृणमूल कांग्रेस गृह मंत्री के लिए लगातार मुसीबत खड़ी कर रही है। तृणमूल कांग्रेस की मुखिया और केंद्रीय रेल मंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि माकपा ने पश्चिमी मिदनापुर जिले में माओवाद निरोधी संयुक्त अभियान को अगवा कर लिया है और चिदंबरम इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। ममता ने कहा कि लालगढ़ में एक भी माओवादी नहीं है। वहां माकपा कैडरों के इशारे पर आदिवासियों व विपक्षी समर्थकों के खिलाफ केंद्र और राज्य सरकार का संयुक्त पुलिस अभियान चल रहा है। ममता ने कहा कि उनके पास इस बात के साक्ष्य हैं कि जंगल महल में 200 माकपा कैडरों के कैंप चल रहे हैं। उन्होंने चिदंबरम से सवाल किया कि वह बताएं कि क्या माकपा कैडरों को संरक्षण देने और विपक्षी समर्थकों की हत्या के लिए लालगढ़ में संयुक्त ऑपरेशन चलाया जा रहा है? ममता ने कहा कि दर्जनों कैंपों में हथियारों का जखीरा मौजूद है। इसके सहारे प्रतिदिन तृणमूल समर्थकों की हत्या की जा रही है। बंगाल में तुगलकी शासन चल रहा है। जब दंगे के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी से पूछताछ हो सकती है तो नंदीग्राम में मारे गए लोगों के लिए बुद्धदेव से क्यों नहीं हो सकती। ममता के इतर भाजपा ने चिदंबरम का समर्थन करते हुए कहा है कि इस युद्ध जैसी स्थिति में देश को एक स्वर में बोलने की जरूरत है। भाजपा ने कहा कि इस समस्या से लड़ने के बारे में सरकार और सत्तारूढ़ पार्टी में एक राय नहीं है। भाजपा प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि दिग्विजय सिंह द्वारा चिदंबरम के दृष्टिकोण की सार्वजनिक आलोचना इस बात का सुबूत है कि माओवाद के खिलाफ लड़ाई के मामले पर कांग्रेस में मतभेद हैं। उन्होंने कहा कि दिग्विजय के बयान ने हमारी इस आशंका को पक्का कर दिया है कि केंद्रीय बल बिना किसी उचित तैयारी के भेजे गए थे।
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