अमृतसर: वर्षों इंतजार के बाद 4&400 मीटर रिले में देश की झोली में गोल्ड मेडल डालने वाली मंदीप कौर को घर में सम्मान नहीं मिला। प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह द्वारा राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीतने वाले खिलाडि़यों के लिए रखे गए सम्मान समारोह में मंदीप कौर शामिल नहीं हुई। घर में भी उसे सम्मान से वंचित रखा गया। मंदीप अमृतसर रेलवे स्टेशन पर शान-ए-पंजाब से शुक्रवार बाद दोपहर पहुंची। उसके स्वागत में कुछ एथलीट व खेल एसोसिएशन के पदाधिकारी ही पहुंचे। डिप्टी कमिश्नर केएस पन्नू सहित जिला प्रशासन का कोई भी अधिकारी स्वर्ण पदक जीतने वाली इस खिलाड़ी के स्वागत में नहीं था। घर पहुंचने पर मिले फीके स्वागत से आहत मंदीप कौर ने कहा, मुझे ठेस पहुंची है। स्वागत में कोई भी प्रशासनिक अधिकारी व नेता उपस्थित नहीं हुआ। मैं तो प्रधानमंत्री के सम्मान कार्यक्रम को छोड़ कर घर लौटी थी। ताकि मैं घर वालों के बीच स्वयं को पाकर सम्मानित महसूस कर सकूं। स्टेशन पर उसके गांव चीमा खुर्द से उसके परिजन व अन्य गांव वासी ही आए थे। उसने कहा कि वह पहले भी देश के लिए कई मेडल जीत चुकी है व बीजिंग ओलंपिक में भी हिस्सा ले चुकी है, लेकिन सरकार ने उसकी कोई मदद नहीं की। हरियाणा से सीख ले पंजाब : बातचीत करते हुए मंदीप ने बताया कि पंजाब को खेलों के मामले में हरियाणा से सीख लेनी चाहिए है। हरियाणा के खिलाड़ी इसलिए तरक्की कर रहे हैं क्योंकि वहां की सरकार खिलाडि़यों को आधुनिक सुविधाएं प्रदान कर रही है। यहां भी खिलाडि़यों को आधुनिक सुविधाएं मिलनी चाहिए। कोई आगामी सूचना नहीं थी : खेल अधिकारी जिला खेल अधिकारी सुखबीर कौर ने बताया कि उन्हें मंदीप के अमृतसर आने की कोई आगामी सूचना नहीं थी। अगर उन्हें सूचना होती तो जरूर मंदीप के स्वागत के लिए रेलवे स्टेशन पर जाते। जीएनडीयू ने किया सम्मानित रेलवे स्टेशन से सीधा मंदीप अपने परिजनों के साथ जीएनडीयू पहुंची। जीएनडीयू के खेल विभाग के डायरेक्टर डा. कंवलजीत सिंह ने उसे सम्मानित किया। इस मौके पर डा. सुखदेव सिंह व अन्य उपस्थित थे।
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