डबवाली-
सरकारी स्कूलों के अध्यापक अब '
फरलो पर स्कूल से गायब नहीं हो सकेंगे। प्रदेश सरकार ने अध्यापकों की हाजिरी दर्ज करने के लिए सरकारी स्कूलों में विशेष अटेंडैंस उपकरण लगाने का काम शुरू कर दिया है। इस उपकरण में प्रत्येक अध्यापक व स्कूल के अन्य कर्मचारियों के अंगूठे व उंगलियों के निशान स्कैन रहेंगे। जब भी कोई अध्यापक स्कूल में पहुंचेंगा तो उसे सबसे पहले इस उपकरण में अपना अंगूठा लगाकर हाजिरी दर्ज करवानी होगी। यह उपकरण अध्यापक की उपस्थिति का सही समय रिकॉर्ड करेगा।इसी प्रकार जब अध्यापक व अन्य स्टाफ कर्मचारी छुट्टी के बाद स्कूल से घर जाएगे तो उन्हें स्कूल छोडऩे का समय इस उपकरण में अंगूठा लगाकर दर्ज करवाना होगा। अब चूंकि यह सारी प्रक्रिया अध्यापक को स्वयं उपस्थित रहकर पूरी करनी होगी, इसलिए 'फरलोÓ मारकर हाजिरी लगाने का सवाल ही पैदा नहीं होगा। फरलो ही नहीं नई प्रणाली से अध्यापकों की लेटलतीफी पर भी अंकुश लगेगा। चूंकि उपकरण में अध्यापक के स्कूल में हाजिर होने का सही समय दर्ज होगा इसलिए जो अध्यापक लेट आएंगे उनका यह उपकरण लेट समय दर्ज दिखाएगा। उपकरण की जब चैकिंग होगी तो अध्यापकों की लेट लतीफी का पूरा रिकॉर्ड सामने आ जाएगा। सरकार ने यह योजना सरकारी स्कूलों में अध्यापकों की सही उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए लागू की है। फिलहाल इस योजना के तहत हाई व सीनियर सैकेंडरी स्कूलों में यह उपकरण लगाए जा रहे हैं लेकिन योजना भविष्य मे प्राईमरी स्कूलों में भी इस प्रकार के यंत्र लगाने की है। डबवाली उपमंडल में तो एनआईसीटी कंपनी के माध्यम से स्कूलों में उपकरण लगाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
डबवाली के ख्ड शिक्षा अधिकारी बलविंद्र सिंह भंगू के मुताबिक डबवाली उपमंडल के 20 हाई व 9 सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में यह उपकरण लगाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उपकरण लगाने के बाद सभी अध्यापकों व स्टाफ सदस्यों के फिंगर प्रिंट इसमें स्कैन किए जाएंगे और इसके पश्चात हाजिरी की नईं प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
जिला शिक्षा अधिकारी कुमकुम ग्रोवर के मुताबिक फिलहाल इस योजना के तहत जिले के सभी हाई व कई सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में यह हाजिरी उपकरण लगाए जा रहे हैं लेकिन जल्द ही प्राईमरी स्कूलों में भी इस प्रकार के उपकरण लगा दिए जाएंगे। उन्होंने उम्मीद जताई कि नई हाजिरी प्रक्रिया के शुरू होने के बाद स्कूलों में अध्यापकों की उपस्थिति के मामले में सुधार आएगा।
हाजिरी उपकरणों के माध्यम से अंगूठा व उंगली के निशान आदि दर्ज कर हाजिरी लगाने की जो योजना अब हरियाणा में शुरू की जा रही है वह योजना करीब एक साल पहले पंजाब के सरकारी स्कूलों में लागू की गई थी। योजना लागू होने के बाद पंजाब के सरकारी स्कूलों में अध्यापकों की उपस्थिति में व्यापक सुधार दर्ज किया गया। अध्यापकों की लेटलतीफी पर भी अंकुश लगा है। पंजाब में इस योजना के सफल होने के बाद अब हरियाणा में भी इस प्रकार की पहल कर सरकारी स्कूलों में सुधार की योजना को अमली जामा पहनाया जा रहा है।
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