
(डॉ सुखपाल सावंत खेडा )
शहीद ए आजम भगत सिंह की जन्म तिथि को लेकर अभी भी इतिहासकारों में उलझनें बनी हुई हैं। कुछ लोग उनके जन्मदिन को 27 सितंबर 1907 मानते रहे हैं तो कुछ 28 सितंबर 1907। लेकिन इस संबंध में पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड मोहाली ने एक नई ही तिथि पेश कर दी है। बोर्ड द्वारा मिडिल श्रेणियों के लिए पंजाबी व्याकरण अते लेख रचना शीर्षक के तहत छापी किताब के पेज नंबर 121 पर शहीद भगत सिंह का जन्म 11 नवंबर सन 1907 को जिला लायलपुर के गांव बंगा में हुआ बताया गया है। इसके अलावा पेज नंबर 122 में सन 2007 में जन्म शताब्दी देशभर में मनाई गई लिखा हुआ है। इसे शहीदे आजम का अपमान ही कहा जाएगा। विभिन्न संस्थाओं ने इस किताब को तुरंत वापिस लेने या फिर इसे संशोधित करने की मांग की है। प्राप्त जानकारी के अनुसार खटकड़ कलां स्थित शहीद भगत सिंह के स्मारक में रखी गई उनकी जन्मपत्री के अनुसार शहीद भगत सिंह की जन्मतिथि 27 सितंबर 1907 है। शिक्षा बोर्ड द्वारा की गई इस गलती लेकर लोगों में रोष पाया जा रहा है। यह पुस्तक सचिव स्टेट प्रोजेक्ट निदेशक, सर्व शिक्षा अभियान अथारिटी पंजाब चंडीगढ़ द्वारा प्रकाशित व आनंद ब्रदर्स, सी-146, नारायणा फेस-1 नई दिल्ली द्वारा छापी गई है। अफसोस की बात है कि इस किताब को प्रकाशित करने वाले शिक्षाविदें ने इस गलती को अभी तक नजर अंदाज किया हुआ है। यह पुस्तक पंजाब सरकार द्वारा निशुल्क दी गई है और यह बिक्री के लिए नहीं है। पंजाब के समूह स्कूलों में यह पुस्तक बच्चे पढ़ रहें है। सरकारी सूत्रों के अनुसार स्कूली बच्चों को वही पढ़ाया जा रहा है, जो पुस्तक में छप कर आया हुआ है। सरकारी स्कूल के एक टीचर ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इस पुस्तक में ऐतिहासिक तथ्यों से किया गया खिलवाड़ दुखद है। शहीद-ए-आजम भगत सिंह यूथ क्लब कपूरथला के अध्यक्ष रिंकू कालिया, संदीप शर्मा, नीतू खुल्लर, महासचिव प्रभजीत सिंह जॉली, कानूनी सलाहकार चंद्रशेखर ने कहा कि इस पुस्तक के प्रकाशक व बोर्ड को सबसे पहले माफी मांगनी चाहिए और फिर इसमें संशोधन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर इसपर कोई कार्रवाई न हुई तो कड़ा कदम उठाया जाएगा। यह सरासर शहीदे-आजम की शहादत का मजाक है जिसे संस्था किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगी। उधर, पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डा. दलबीर सिंह ढिल्लों ने कहा कि वह इस मामले की पूर्ण पड़ताल करेंगे। यह गलती अंजाने में हुई है और जल्द ही शहीदे-आजम की गलत जन्म तिथि में संशोधन किया जाएगा।
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