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बुधवार, 28 अक्टूबर 2009
हजकां की शर्तो से कांग्रेस बेचैन
हरियाणा जनहित कांग्रेस (हजकां) के बिना समर्थन से गठित हरियाणा कांग्रेस की एक्सप्रेस अब समझौते की शर्तो के बैरियर पर आकर रुक गई है। दोनों दलों की खींचतान के चलते इसके पटरी से उतरने की आशंकाएं पैदा होने लगी हैं। इस अड़चन का कारण कांग्रेस द्वारा हजकां के विलय को लेकर कड़ा रुख अख्तियार करना है। इसे देखते हुए हजकां सुप्रीमो कुलदीप बिश्नोई ने मंगलवार शाम दो टूक शब्दों में कह दिया है कि हजकां किसी भी कीमत पर कांग्रेस में शामिल होने को तैयार नहीं है। इस कारण कांग्रेस को बिना शर्त समर्थन देने की बात अब दोनों पक्षों की ओर से शर्तो में आकर उलझ गई है। बुधवार सुबह कांग्रेस और हजकां सुप्रीमो कुलदीप बिश्नोई के बीच फिर एक और वार्ता होगी। विधानसभा में सात निर्दलीय विधायकों और बाद में एक बसपा विधायक का समर्थन मिल जाने के बाद कांग्रेस ने हजकां को कम भाव देना शुरू कर दिया है। साथ ही कांग्रेस कुलदीप बिश्नोई के साथ पूर्व में दिए आश्वासन से भी पीछे हटने लगी है। मंगलवार को कांग्रेस ने कुलदीप बिश्नोई को स्पष्ट कर दिया कि उनकी बात तभी मानी जाएगी, जब वे अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय कर विश्वास मत के दौरान हुड्डा सरकार के पक्ष में मतदान करेंगे। कांग्रेस के इस तेवर को देखते हुए कुलदीप ने अपने पार्टी के सभी विधायकों से विचार-विमर्श किया और सभी विधायकों ने पार्टी का कांग्रेस में विलय करने से इनकार पर मुहर लगा दी।
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