
राज्य विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता पद से इस्तीफा देने के बाद लगता है वसुंधरा राजे ने पार्टी को अपनी हैसियत जताने का फैसला कर लिया हैं। मंगलवार को पहली बार जयपुर आई वसुंधरा राजे समर्थक विधायक,पूर्व सांसदों व पार्टी पदाधिकारियों ने जोरदार शक्ति प्रदर्शन कर इसके संकेत दे दिए। स्वागत में जुटी भीड़ से गदगद वसुंधरा ने ऐलान किया कि वह राज्य की राजनीति नहीं छोड़ेंगी। शीघ्र ही राज्य का व्यापक दौरा करेंगी। स्वागत के बाद उन्होंने पार्टी करीब के तीन दर्जन विधायक चार पूर्व सांसदों और संगठन के पदाधिकारियों के साथ अपनी भावी राजनीति को लेकर लंबी गुफ्तगू भी की। इसमें अलग पार्टी बनाने की भी मुद्दा शामिल है। हालांकि अगले कदम की घोषणा उन्होंने शीघ्र ही करने की बात कही। इस दौरान वसुंधरा समर्थक विधायकों ने पार्टी आलाकमान पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि आलाकमान खुद तो डूबेगा ही साथ में पार्टी को भी ले डूबेगा। इस कार्यक्रम से भाजपा के वरिष्ठ और संघ से जुड़े नेता दूर रहे। वसुंधरा समर्थक इस शक्ति प्रदर्शन की तैयारियों में पिछले कई दिनों से जुटे थे। जयपुर पहुंचने पर वसुंधरा को हवाई अड्डे से उनके निवास तक जुलूस के रूप में ले जाया गया। विधायकों और पदाधिकारियों के अलावा करीब करीबह तीन हजार लोग उनके जुलूस में शामिल थे। उत्साहित वसुंधरा ने कहा कि मेरी डोली राजस्थान के धौलपुर में आई थी और अब मेरी अर्थी ही यहां से जाएगी। राजनीति में उतार चढ़ाव आते रहते है, लेकिन राजस्थान की जनता से मेरा रिश्ता प्यार की डोर से बंधा है और वह ही मेरी ताकत है।
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