
औरंगाबाद (बिहार)- देश भर में सूर्य नगरी के रूप में चर्चित देव इलाके में छठ के अवसर पर आने वाली भारी भीड़ के चलते यहां महज चार दिन के लिए एक कमरे का किराया सात हजार रुपये तक पहुंच गया है। एक समय था जब छठ के दिनों में देव आने वाले श्रद्धालुओं को यहां के लोग बिना किसी खास खर्चे के अपने घरों में रुकने की सुविधा दे देते थे, लेकिन धीरे-धीरे किराया लेने का चलन शुरू हुआ और आज स्थिति यह है कि तनिक भी ठीक-ठाक जगह का किराया तीन हजार से लेकर सात हजार तक वसूल किया जा रहा है। पिछले वर्ष किराये के रूप में पांच सौ से एक हजार रुपये ही ले रहे थे। किराये में अप्रत्याशित बढ़त के बावजूद छठ व्रतियों की भीड़ बढ़ रही है। देव में ठहरने के ठौर हाउसफुल होने के बाद लोग आस-पास के गांवों में भी जगह तलाशते हैं। एक कांप्लेक्स के मुखिया सूर्यनाथ चौरसिया ने अपने यहां तीन से सात हजार रुपये तक में श्रद्धालुओं को कमरा दिया है। उन्होंने बताया कि झारखंड एवं बिहार के उत्तरी कोने से पहुंचे लोगों ने कमरा आरक्षित कराने के लिए अग्रिम पैसा दे दिया था। देव के सीतालाल गली, मल्लाह टोली, जंगी मुहल्ला, नया बाजार, आनंदी बाग, बरई बिगहा, सोती मुहल्ला आदि में एक कमरे का किराया एक से तीन हजार रुपये तक लिया गया। प्रशासन ने भी श्रद्धालुओं के लिए दस हजार वर्ग फीट में पंडाल लगाया है। एसडीओ जयंत कुमार सिंह ने बताया कि जिले के गणमान्य नागरिकों के सहयोग से यह व्यवस्था की गई है। देव स्थित ऐतिहासिक सूर्य मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है। शाम को सूर्य कुंड तालाब के पास भी श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। तालाब में Fान कर श्रद्धालुओं ने खरना की रस्म पूरी की और दीप जलाकर प्रसाद ग्रहण किया। देव में छठ पूजा अनुष्ठान की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है। देव में छठ का महत्व पूरे देशभर में है। यहां कार्तिक और चैत मास में छठ पर्व करने देश के कोने-कोने से लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। मान्यता है कि देव में सूर्य की उपासना करने वालों को मनोवांछित फल मिलता है। छठ के दौरान लगने वाला विशाल मेला से देव लघु कुंभ बन जाता है।
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