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बेगूसराय जिले के लड़ुआरा पंचायत के बीड़ी मजदूरों के लिये श्रम एवं नियोजन विभाग के मंत्रालय द्वारा आवंटित 129 इंदिरा आवास के मामले में पंचायत सचिव द्वारा व्यापक पैमाने पर अनियमितता बरते जाने का मामला प्रकाश में आया है। बीडीओ ने आवंटित 129 आवासों के लिए पंचायत सचिव को यह जांचने का आदेश दिया कि सूचीबद्ध बीड़ी मजदूरों ने पूर्व से आवास का लाभ लिया है या नहीं। इसी आदेश के आलोक में पंचायत सचिव ने जांच रिपोर्ट सौंपी जिसमें कई चौंकाने वाले आंकड़े मिले हैं। प्रतिवेदन में कई बेघरों व जीर्ण-शीर्ण झोपड़ी वालों को भी पक्का भवन होने की बात कही है। इस बाबत बीड़ी मजदूरों ने बताया कि पंचायत सचिव के प्रतिवेदन के क्रमांक 3 में श्रीमती अख्तरी खातून को पक्का मकान दर्शाया गया है जबकि उसके पास जीर्ण-शीर्ण झोपड़ी है। क्रमांक 10 में मो. सरवर की पत्नी रौशन खातून को पक्का भवन दर्शाया है जबकि उसके पास भी झोपड़ी है। क्रमांक 13 मो. अफजल की पुत्री गजाला परवीन को शादीशुदा ससुराल हर्रख बताया गया है जबकि गजाला की अब तक शादी ही नहीं हुई। क्रमांक 20 मो. मोकर्रम की पत्नी नसीमा खातून को पक्का मकान दर्शाया गया है। जबकि वह बेघर है और अपने चाचा के जीर्ण-शीर्ण खपड़ैल मकान में गुजर-बसर कर रही है। क्रमांक 58 में मो. नसीम की पत्नी शबाना खातून को पक्का घर दर्शाया गया है जबकि वह बेघर है और बहनोई के घर में रहती है। क्रमांक 57 में मो. अताउल्लाह की पत्नी श्रीमती शबनम को पक्का मकान दर्शाया गया है। जबकि उसके पास जीर्ण-शीर्ण झोपड़ी है। क्रमांक 76 में मो. वकील की पत्नी हसरून निशां को पक्का भवन दर्शाया गया है जबकि उसके पास टूटी झोपड़ी है। क्रमांक 93 में मो. ऐनुल हक को पंचायत शिक्षक दर्शाया गया है। जबकि वह बीड़ी मजदूर है। बीड़ी मजदूरों का आरोप है कि पंचायत सचिव के पत्रांक सं.11 को 27.08.09 में बीडीओ को सौंपा गया प्रतिवेदन झूठ का पुलिंदा है। वास्तविक लाभुकों को आवास की सुविधा से वंचित करने के लिये पंचायत सचिव ने अनियमितता बरती है। इस संबंध में पूछे जाने पर सदर प्रखंड के बीडीओ प्रमोद कुमार ने कहा प्रतिवेदन की स्थलीय जांच में दोषी पाये जाने पर पंचायत सचिव के विरुद्ध विधि सम्मत विभागीय कार्रवाई की जायेगी। इस गड़बड़ी की चर्चा सरेआम होने पर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गयी है। इधर जदयू के जिलाध्यक्ष भोला कांत झा के नेतृत्व में एक जांच टीम बनायी गयी। टीम ने गुरुवार को लड़ुआरा का दौरा कर जायजा लिया। इसमें वर्णित आरोपों को सत्य पाया गया है। उसने पंचायत सचिव द्वारा बीडीओ को सौंपे जांच प्रतिवेदन सोची-समझी साजिश के तहत झूठ का पुलिंदा करार दिया है। जांच दल में शामिल जदयू जिलाध्यक्ष भोलाकांत झा, आजाद बीड़ी मजदूर यूनियन के प्रदेश महासचिव मो. एहतेशामुल हक अंसारी, कार्यकारिणी सदस्य अनिरूद्ध पासवान, लड़ुआड़ा पंचायत के सरपंच नीरज पटेल मो. आजाद, सुरेश कुमार झा ने जिलाधिकारी जितेन्द्र श्रीवास्तव को आवेदन देकर जांच कर पंचायत सचिव के निलंबन की मांग की है तथा सभी 129 बीड़ी मजदूरों को इंदिरा आवास देने का अनुरोध किया है।
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